नई दिल्ली: मणिपुर में एक बार फिर से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। वहीं स्थिति पर काबू पाने के लिए दंगा नियंत्रण वाहनों के साथ रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को तैनात किया गया है। बता दें, प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर बैरिकेड लगाकर रास्ते ब्लॉक कर दिए हैं, जिससे पुलिस को पीछे हटने पर मजबूर होना […]
नई दिल्ली: मणिपुर में एक बार फिर से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। वहीं स्थिति पर काबू पाने के लिए दंगा नियंत्रण वाहनों के साथ रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को तैनात किया गया है। बता दें, प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर बैरिकेड लगाकर रास्ते ब्लॉक कर दिए हैं, जिससे पुलिस को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा है। मणिपुर में जगह-जगह पथराव हो रहा है, जिसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े हैं। इस कारण राज्य में स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए 15 सितंबर तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
सितंबर के पहले सप्ताह से मणिपुर में हिंसा ने फिर से जोर पकड़ लिया है, जिसका रूप जुलाई और अगस्त 2023 की घटनाओं जैसा ही है। बता दें, ड्रोन से बमबारी, रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) का इस्तेमाल और अत्याधुनिक हथियारों ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। वहीं हत्याओं के बाद घाटी में कोऑर्डिनेटिंग कमेटी द्वारा ‘सार्वजनिक आपातकाल’ की घोषणा की गई है।
Modi’s billboard being torn down in Imphal, Manipur, by angry students protesting the violence. @TheQuint pic.twitter.com/rx4yxVJJu4
— Saptarshi Basak (@wannabhistorian) September 10, 2024
मणिपुर में हिंसा का सिलसिला 3 मई 2023 से शुरू हुआ था, लेकिन 16 महीने बाद भी शांति बहाल नहीं हो सकी है। हालिया हिंसा में जिरीबाम जिले में पांच लोगों की मौत हो गई है। मणिपुर में हालात की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हिंसा में शामिल दोनों पक्षों के पास ऐसे हथियार हैं जिनका उपयोग आमतौर पर युद्ध में किया जाता है। सेना को मजबूरी में एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात करने पड़े हैं। वहीं लोग पहाड़ों और घाटियों में बंकर बनाकर छिपे हुए हैं।
मणिपुर में कुकी समुदाय के उपर ड्रोन अटैक किए जाने की खराब आ रही हैं
क्या ये news सच है ।#KukiDroneAttack #Manipur#KukiDroneAttacks #Manipur_Violence #KukiWarCrime #KukiPREplannedManipurViolence #KukiTerroristsAttackpic.twitter.com/wrF7xafY2L pic.twitter.com/X2hMNfGB5Y
— SHIVAM YADAV (@SHIVAMY35676265) September 3, 2024
बता दें, मणिपुर में जारी हिंसा का मुख्य कारण दो जातीय समूहों कुकी और मैतई के बीच संघर्ष है। यहां ज्यादातर मैतई समुदाय के लोग घाटी में रहते हैं, जबकि कुकी समुदाय पहाड़ी क्षेत्रों में बसा है। हिंसा के बाद दोनों समुदायों के बीच एक-दूसरे के क्षेत्रों में जाना बंद हो गया है, जिससे क्षेत्रीय विभाजन और हिंसा का सिलसिला थम नहीं रहा है। दोनों समुदायों की अलग-अलग लोकेशन ने राज्य को एक सरहद में तब्दील कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों पक्षों ने अपने-अपने सुरक्षित बंकर बना लिए हैं और उनके पास भारी मात्रा में हथियार हैं। यह स्थिति हिंसा को और भड़का रही है। 3 मई 2023 को मैतई समुदाय के एसटी दर्जे की मांग के खिलाफ आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद शुरू हुई हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
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