कोलकाता. बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र रविवार शाम तक बड़े चक्रवात में तब्दील हो सकता है, इसके चलते कल से ही यहाँ एनडीआरएफ की तैनाती कर दी गई है. वहीं, इसके प्रभाव से पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में भारी बारिश होने और 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से […]
कोलकाता. बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र रविवार शाम तक बड़े चक्रवात में तब्दील हो सकता है, इसके चलते कल से ही यहाँ एनडीआरएफ की तैनाती कर दी गई है. वहीं, इसके प्रभाव से पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में भारी बारिश होने और 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की भी संभावना है. बता दें, ये चक्रवात ऐसे समय में आ रहा है, जब लोग दो साल बाद बड़े पैमाने पर यहाँ काली पूजा और दीपावली मनाने की तैयारी की जा रही हैं. कोविड-19 के चलते पिछले दो साल सादगी से ये त्योहार मनाए गए थे, लेकिन इस बार हर जगह बहुत ही धूम-धाम से दिवाली और काली पूजा मनाई जा रही है.
मौसम विभाग का कहना है कि इस कम दबाव वाले क्षेत्र के धीरे-धीरे एक चक्रवाती तूफान के रूप में बदलने की पूरी संभावना है. मौसम विभाग की मानें तो, “25 अक्टूबर को चक्रवात सितरंग के पूर्वोत्तर की ओर बढ़ने और पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों के पास पहुंचने की संभावना है.” हालांकि, राहत की बात यह है कि आईएमडी ने अभी तक चक्रवात के कारण भारी बारिश और हवा की गति को लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया है.
इस चकक्रवात का नाम सितरंग दिया गया है, ये नाम छह मौसम विज्ञान केंद्र के समूह आरएसएमसी और पांच क्षेत्रीय उष्णकटिबंधीय चक्रवात चेतावनी केंद्रों टीसीडब्ल्यूसी ने मिलकर दिया है. इस पैनल के तहत 13 सदस्य देश आते हैं और चक्रवात को लेकर यह पैनल ही दिशा-निर्देश जारी करता है. इस पैनल में भारत, बांग्लादेश, ईरान, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और यमन शामिल है, बता दें इस चक्रवाती तूफान का नाम सितरंग थाईलैंड ने सुझाया था.
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