देहरादून: उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में दो हफ्ते से फंसे हुए 41 मजदूरों को बचाने में कई बाधाओं की वजह से देरी हो रही है. पिछले दो दिनों में बचाव का कोई संकेत नहीं मिलने से फंसे हुए मजदूरों के परिजन बेचैन हो रहे हैं. वहीं उत्तराखंड के सीएम धामी ने मजदूरों से वादा किया […]
देहरादून: उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में दो हफ्ते से फंसे हुए 41 मजदूरों को बचाने में कई बाधाओं की वजह से देरी हो रही है. पिछले दो दिनों में बचाव का कोई संकेत नहीं मिलने से फंसे हुए मजदूरों के परिजन बेचैन हो रहे हैं. वहीं उत्तराखंड के सीएम धामी ने मजदूरों से वादा किया था कि उनकी सुरक्षित बाहर निकालना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. सिल्कयारा सुरंग में पिछले 48 घंटों से ड्रिल करने के प्रयासों में कोई प्रगति नहीं हुई है क्योंकि बरमा ड्रिलिंग मशीन ने गुरुवार को काम करना बंद कर दिया था।
ड्रिलिंग मशीन के ब्लेड मलबे में फंसने के बाद बरमा को काटने के लिए हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मशीन लाई जा रही है. इस कटर मशीन की आज पहुंचने की उम्मीद है. एनडीएमए के मुताबिक बचाव दल फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचने के लिए मलबे के अंतिम दस मीटर तक हाथ से खुदाई करने की प्लान बना रहे हैं जो एक लंबा समय लगने की संभावना है. वहीं पहाड़ के ऊपर से भी बचाव दल ने खुदाई करने की तैयारी की है।
बता दें कि पहाड़ से सीधे नीचे ड्रिलिंग करने की कोशिश भी रुक गई है क्योंकि बड़ी ड्रिलिंग मशीन को पहुंचने के लिए रास्ता में दिक्कत हो रही है. सीमा सड़क संगठन अब सड़क को पूरी तरह से चौड़ा करने का काम कर रहा है. हालांकि अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि पहाड़ के ऊपर से ड्रिलिंग जोखिम भरा है, क्योंकि नाजुक पहाड़ में कंपन पैदा कर सकता है. इसे सावधानीपूर्वक करने के तरीकों पर वे विचार कर रहे हैं।
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