उत्तराखंड: लोगों का मानना है कि सरकारी नौकरी लगने के बाद ललित राज शर्मा का रंग-ढंग में काफी बदलाव आ गया था और उसने आस-पास लोगों से बात करना बंद कर दिया था। इस दौरान वह अकूत संपत्ति बनाई। पेपर लीक मामले में गिरफ्तार ललित राज शर्मा को पहले ही गिरफ्तारी का अंदेशा हो गया […]
उत्तराखंड: लोगों का मानना है कि सरकारी नौकरी लगने के बाद ललित राज शर्मा का रंग-ढंग में काफी बदलाव आ गया था और उसने आस-पास लोगों से बात करना बंद कर दिया था। इस दौरान वह अकूत संपत्ति बनाई।
पेपर लीक मामले में गिरफ्तार ललित राज शर्मा को पहले ही गिरफ्तारी का अंदेशा हो गया था और वह मां की बीमारी का बहाना बनाकर 16 दिन पहले छुट्टी पर चला आया था। धामपुर के जिस विवाह मंडप से उसे गिरफ्तार किया गया उसमें उसकी साझेदारी की बात सामने आ रही है।
लोगों का मानना है कि सरकारी नौकरी लगने के बाद उसका रंग-ढंग में काफी बदलाव आ गया था और उसने आस-पास के लोगों से बात करना बंद कर दिया था। इस दौरान वह अकूत संपत्ति बनाई। मोहल्ला बाड़वान में रहने वाले ललित राज शर्मा की साल 2015 में सहारनपुर नगर निगम के जलकल विभाग में नौकरी लगी थी।
वर्ष 2016 में उसकी शादी रुड़की निवासी मोनिका शर्मा से हुई। मोनिका के पिता की रुड़की में राजनीति क्षेत्र मजबूत पकड़ है। शादी के बाद वह पत्नी की भी सरकारी नौकरी लगवाने की जुगत में लग गया। साल 2019 में मोनिका की देहरादून के जल विद्युत निगम लिमिटेड में अवर अभियंता के पद के लिए नियुक्ति हो गई।
सूत्रों के अनुसार बाद में उसके संबंध पेपर लीक मास्टरमाइंड उत्तराखंड निवासी हाकम सिंह से हो गए। हाकम सिंह पर विश्वास होने के बाद ललित उसके गिरोह में सक्रिय हो गया। बेरोजगारों को नौकरी, उच्च स्तरीय परीक्षा में पास कराने की गारंटी लेकर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के 20 से अधिक अभ्यर्थियों को पेपर सॉल्व कराया गया। 2 दिन पहले धामपुर से एसटीएफ ने ललित को गिरफ्तार किया तो आस-पास के लोगों को उसकी करतूतों का पता चला।
आखिरकार 2 दिन पहले एसटीएफ की टीम उसे एक मंडप से गिरफ्तार कर लिया और अपने साथ देहरादून ले गई। एसटीएफ ने जिस मंडप से ललित राज शर्मा को हिरासत में लिया उसी मंडप में ललित राज शर्मा की साझेदारी का दावा मोहल्लेवासी कर रहे हैं।
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