शिवराज सरकार ने 5 संतों को दिया राज्य मंत्री का दर्जा, सरकार के खिलाफ बोलने वाले ‘कंप्यूटर बाबा’ को भी मिली जगह

मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार ने पांच विशिष्ट संतों को राज्य मंत्री का दर्जा दिया है. राज्य मंत्री बनाए जाने वाले संतों में नर्मदानंद महाराज, हरिहरानंद महाराज, कंप्यूटर बाबा, भय्यू महाराज एवं पंडित योगेंद्र महंत शामिल हैं. यह संत नर्मदा नदी के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाने के लिए बनाई गई समिति के सदस्य भी हैं. कांग्रेस नेता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस फैसले को आगामी विधानसभा चुनाव का एक पैंतरा बता रहे हैं.

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शिवराज सरकार ने 5 संतों को दिया राज्य मंत्री का दर्जा, सरकार के खिलाफ बोलने वाले ‘कंप्यूटर बाबा’ को भी मिली जगह

Aanchal Pandey

  • April 4, 2018 1:48 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

भोपालः मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने साधु-संतों को लुभाने के लिए पांच विशिष्ट संतों को राज्य मंत्री का दर्जा दिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दफ्तर से मंगलवार को यह आदेश जारी किया गया. माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए शिवराज सरकार अब धार्मिक और समाज के संतों के जरिए राजनीतिक माहौल बनाने में जुट गई है. इसी कड़ी में राज्य सरकार ने नर्मदा नदी के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाने के लिए एक स्पेशल कमेटी बनाई है, इसमें पांच संत सदस्य हैं और सभी को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है.

राज्य मंत्री बनाए जाने वाले संतों में नर्मदानंद महाराज, हरिहरानंद महाराज, कंप्यूटर बाबा, भय्यू महाराज एवं पंडित योगेंद्र महंत शामिल हैं. सरकार की ओर से कहा गया है कि नर्मदा सेवा यात्रा में विशेष योगदान के लिए सरकार ने संतों को यह तोहफा दिया है. राज्य मंत्री बनाए गए सभी संत लोगों को नर्मदा के संरक्षण को लेकर जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें स्वच्छता का संकल्प भी दिलाएंगे. संभवत: राज्य के गठन के बाद यह पहला मौका है, जब संतों को राज्य मंत्री का दर्जा दिया जा रहा हो.

बताते चलें कि राज्य मंत्री बनाए गए संतों ने मध्य प्रदेश में करोड़ों पौधे लगाने के दावे को घोटाला करार देकर ‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा’ निकाली थी. संतों को मंत्री बनाए जाने पर कांग्रेस शिवराज सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा, ‘ऐसा कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने पापों को धोने का प्रयास कर रहे हैं. ये चुनावी साल में साधु-संतों को लुभाने की सरकार की बस एक नाकाम कोशिश है.’ गौरतलब है कि इस साल मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. बीजेपी और कांग्रेस चुनावी तैयारियों में जुटी हुई हैं.

बताते चलें कि राज्य मंत्री बनाए गए कंप्यूटर बाबा का पूरा नाम नाम देवदास त्यागी है. वह हमेशा लैपटॉप लेकर चलते हैं. तेज तर्रार स्वभाव के कंप्यूटर बाबा सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं. साल 2014 में कंप्यूटर बाबा इंदौर से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे. उन्होंने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से टिकट मांगा था लेकिन पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी घोषित नहीं किया. कंप्यूटर बाबा अक्सर शिवराज सरकार पर हमला बोलते रहे हैं. राज्य मंत्री बनाए जाने पर उन्होंने शिवराज सरकार को धन्यवाद देते हुए नर्मदा नदी के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास की बात कही.

दूसरी ओर कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह फिलहाल नर्मदा की परिक्रमा कर रहे हैं. 9 अप्रैल को नरसिंहपुर जिले के बरमान घाट में उनकी परिक्रमा समाप्त हो रही है. सूत्रों की मानें तो दिग्विजय सिंह राज्य में अवैध खनन और शिवराज सरकार द्वारा नर्मदा नदी के किनारे 6 करोड़ पेड़-पौधे लगाने के दावे पर बड़ा खुलासा कर सकते हैं. इससे पहले शिवराज सिंह चौहान भी नर्मदा नदी की परिक्रमा कर चुके हैं. सीएम की नर्मदा यात्रा 11 दिसंबर, 2016 से 15 मई, 2017 तक चली थी. पिछले साल जून में सरकार ने नर्मदा नदी के किनारे 6 करोड़ वृक्ष लगाने का अभियान शुरू किया था. बहरहाल चुनावी साल में संतों को राज्य मंत्री बनाए जाने पर बीजेपी को इसका कितना फायदा पहुंचेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

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