लखनऊ : प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अब समाजवादी पार्टी के अपने राजनीतिक ताल्लुकात को लेकर बात की है. उन्होंने 2022 में सपा के साथ जाने को उनकी सबसे बड़ी गलती बताया है. एक समाचार चैनल के साथ उन्होंने बात की और बताया कि वह चाहते हैं कि मुलायम सिंह […]
लखनऊ : प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अब समाजवादी पार्टी के अपने राजनीतिक ताल्लुकात को लेकर बात की है. उन्होंने 2022 में सपा के साथ जाने को उनकी सबसे बड़ी गलती बताया है. एक समाचार चैनल के साथ उन्होंने बात की और बताया कि वह चाहते हैं कि मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से अगला लोकसभा चुनाव लड़ें. अगर वह नहीं लड़ते हैं तो वह और उनकी पार्टी निर्णय लेगी की कौन यहां से चुनाव लड़ेगा.
बता दें, मैनपुरी लोकसभा में 5 विधानसभा सीटें भोगांव, किशनी, करहल, जसवंतनगर और मैनपुरी है. इनमें 2 सीटें भाजपा और अन्य 3 सीटें समाजवादी पार्टी के पास है. करहल से अखिलेश यादव विधायक हैं और जसवंतनगर से शिवपाल यादव विधायक हैं. जहां शिवपाल यादव को जसवंतनगर से भारी भरकम वोट मिले थे. उन्हें करीब 1 प्वाइंट्स 1.60 लाख वोट मिले थे और वह लगभग 90 हजार वोटों से चुनाव जीत गए थे.
प्रसपा अध्यक्ष होने के बाद भी शिवपाल यादव ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में जसवंतनगर सीट से सपा के टिकट पर चुनाव जीता, हालांकि इन चुनावों में पार्टी को वांछित सफलता नहीं मिल पाई. जिसके बाद सपा विधायकों की बैठक में नहीं बुलाए जाने से शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के नेतृत्व से नाराज हो गए थे. इसके बाद उनकी दूरी फिर बढ़ने लगी. राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने विपक्ष के बजाए NDA प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया. जिसके बाद अखिलेश यादव का भी एक बयान सामने आया था कि उन्हें (शिवपाल यादव को) जहां सम्मान मिले वहाँ चले जाएं.
अब शिवपाल ने निकाय चुनाव को लेकर भी बात की है. उन्होंने बताया कि इन चुनावों में पार्टी अधिकांश क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारेगी. ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि जनाधार बेहतर हो सके. वहीं, लोकसभा चुनाव में भी पार्टी का संगठन जिस जगह से मजबूत होगा वहीं से चुनाव लड़ा जाएगा.
30 अगस्त को शिवपाल सिंह यादव ने सैफई समाजवादी पार्टी गठबंधन की सरकार न बनने पर सपा नेतृत्व का नाम ना लेते हुए तंज कसा था कि कुछ लोगों की वजह से गलती हुई, वरना हम लोग सरकार में होते। अगर होते तो क्या ये दिन कभी देखने पड़ते. उन्होंने आगे कहा, ‘सब लोगों को पता हो गया है कि क्यों हमारी सरकार नहीं बनी. ‘ हमने एक ही सीट पर समझौता किया था, तब भी अगर सरकार नहीं बना पाई तो इसमें हम क्या करें, हमने तो सीटें मांगी थी जो हमें दी नहीं गई.
बिहार में अपना CM चाहती है भाजपा, नीतीश कैसे करेंगे सियासी भूचाल का सामना