Shiv Sena MLA Disqualification Verdict: विधायकों की अयोग्यता पर फैसला आज, स्पीकर राहुल नार्वेकर करेंगे निर्णय

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले में बहुप्रतीक्षित फैसले का बेसब्री से इंतजार आज खत्म होने वाला है। मई में शुरू हुए विधायकों की अयोग्यता याचिका पर आज शाम स्पीकर राहुल नार्वेकर निर्णय ले सकते हैं। सीएम एकनाथ शिंद गुट को उम्मीद है कि फैसला उनके हित में ही […]

Advertisement
Shiv Sena MLA Disqualification Verdict: विधायकों की अयोग्यता पर फैसला आज, स्पीकर राहुल नार्वेकर करेंगे निर्णय

Arpit Shukla

  • January 10, 2024 8:04 am Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले में बहुप्रतीक्षित फैसले का बेसब्री से इंतजार आज खत्म होने वाला है। मई में शुरू हुए विधायकों की अयोग्यता याचिका पर आज शाम स्पीकर राहुल नार्वेकर निर्णय ले सकते हैं। सीएम एकनाथ शिंद गुट को उम्मीद है कि फैसला उनके हित में ही जाएगा, वहीं उद्धव ठाकरे गुट फैसला उनके पक्ष में न आने के बाद की तैयारी किए बैठा है। उद्धव गुट की शिवसेना उनके खिलाफ फैसला आने के बाद सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है। हालांकि शाम चार बजे तक बाकी स्थिति साफ हो सकती है।

क्या है मामला?

ये मामला जून 2022 में महा विकास अघाडी सहयोगी शिवसेना के विभाजन के बाद उठा, जिस वजह से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई और एकनाथ शिंदे को भाजपा के सहयोग से बनी नई सरकार के नए मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। उस राजनीतिक भूचाल के बाद शिवसेना के दोनों गुटों ने दल-बदल विरोधी कानूनों, व्हिप का उल्लंघन आदि के तहत एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ एक्शन की मांग करते हुए क्रॉस-याचिकाएं दायर की थीं। इस बीच, चुनाव आयोग ने शिंदे समूह को मान्यता दी थी तथा उसे शिवसेना का नाम और तीर-धनुष चुनाव चिह्न आवंटित किया था, वहीं ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट को शिव सेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे नाम दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

मई में सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को असली शिवसेना पर फैसला सुनाने का आदेश दिया था और फिर उन्हें अयोग्यता याचिकाओं पर 31 दिसंबर तक अपना फैसला देने को कहा था। उस वक्त सीमा से कुछ दिन पहले, 20 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देने के लिए 10 जनवरी तक 10 दिनों का ज्यादा समय दिया – जिसका राज्य में तत्काल और इस साल आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बड़ा राजनीतिक प्रभाव पड़ सकता है।

Advertisement