शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भी जल संकट गहराता हुआ नजर आ रहा है, जिस शिमला शहर को रोजाना 43 एमएलडी पानी की आवश्यकता होती है वहां सिर्फ 31 एमएलडी तक ही पानी उपलब्ध हो पा रही है. ऐसे में शिमला वासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सबसे हैरानी की […]
शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भी जल संकट गहराता हुआ नजर आ रहा है, जिस शिमला शहर को रोजाना 43 एमएलडी पानी की आवश्यकता होती है वहां सिर्फ 31 एमएलडी तक ही पानी उपलब्ध हो पा रही है. ऐसे में शिमला वासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सबसे हैरानी की बात यह है कि तीन दिन बाद लोगों को पानी की सप्लाई मिल रही है. वहीं शिमला में पर्यटकों की वजह से होटल में भी पानी की खपत बढ़ गई है.
इस संबंध में शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान का कहना है कि लंबे वक्त से बारिश न होने के कारण प्राकृतिक जल स्रोत सूख रहे हैं. जिसके चलते शिमला को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने बताया कि शहर के लोगों को तीन दिन बाद पानी दिया जा रहा है ताकि परेशानी को कम किया जा सके. उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि गर्मी के मौसम में पानी का किफायत के साथ इस्तेमाल करें.
शिमला के मेयर ने कहा कि कई स्थानों से पानी के टैंक की भी डिमांड आ रही है, लोग जहां-जहां से पानी का टैंक मांग रहे हैं उन्हें पानी का टैंक भी उपलब्ध करवाया जा रहा है. फिलहाल शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड को बारिश का इंतजार है ताकि जल स्तर बढ़ने से लोगों को पानी पहुंचाया जाए.