शिमला, शिमला-कालका रेल लाइन में चलती ट्रेन से कुछ ही दूरी पर ही पहाड़ी अचानक दरक गई, इस दौरान बड़ी चट्टानों समेत मलबा तक रेल की पटरी पर आ गया. ट्रेन अगर कुछ पल पहले आई होती तो बड़ा हादसा हो जाता.
शिमला कालका हेरिटेज रेलवे ट्रैक पर गुरुवार सुबह अचानक भूस्खलन की घटना सामने आई, पहाड़ी से अचानक बड़ी-बड़ी चट्टानें रेल ट्रैक पर गिरने लगी, इसी दौरान इस ट्रैक पर शिवालिक ट्रेन चल रही थी, गनीमत रही कि सामने पहाड़ गिरता देख चालक ने तुरंत ब्रेक लगा दिया. इससे ट्रेन में सवार सभी यात्रियों की जान बाल-बाल बच गई.
बताया जा रहा है कि ट्रेन में 50 से ज्यादा यात्री सवार थे और रेल ट्रैक पर यह चट्टाने सोलन जिला के पट्टा मोड़ के पास गिरी हैं. अब रेल ट्रैक पर भूस्खलन होने के बाद शिमला कालका रेलवे ने आगामी रेल संचालन पर फिलहाल के लिए रोक लगा दिया है. जल्द ही इस ट्रैक पर रेलों की आवाजाही शुरू हो जाएगी, फिलहाल मौके पर मलबा हटाने का काम जारी है और ट्रेन में सवार सभी यात्रियों को बसों से रवाना किया गया है.
बता दें कि विश्व धरोहर में शामिल ऐतिहासिक कालका-शिमला रेलवे मार्ग 118 साल का हो गया है और 9 नवंबर, 1903 को कालका-शिमला रेलमार्ग की शुरुआत हुई थी. अपने 118 सालों के सफर में यह रेलमार्ग कई इतिहास संजोए हुए है. यह रेलमार्ग उत्तर रेलवे के अंबाला डिवीजन में आता है और देश-विदेश के सैलानी शिमला के लिए इसी रेलमार्ग से टॉय ट्रेन में सफर का लुत्फ उठाते हैं. वहीं, साल 1896 में इस रेल मार्ग को बनाने का कार्य दिल्ली-अंबाला कंपनी को सौंपा गया था. रेलमार्ग कालका स्टेशन 656 (मीटर) से शिमला (2,076) मीटर तक जाता है, 96 किमी लंबे इस रेलमार्ग पर 18 स्टेशन है.
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