नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर में इस समय विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। आज जम्मू कश्मीर में दूसरे चरण का मतदान हो रहा है इस बीच बारामुला के सांसद शेख अब्दुल रशीद के रिहा होने से घाटी में राजनीतिक माहौल बदल गया है। 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत पर चल रहे इंजीनियर रशीद ने अपनी अवामी […]
नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर में इस समय विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। आज जम्मू कश्मीर में दूसरे चरण का मतदान हो रहा है इस बीच बारामुला के सांसद शेख अब्दुल रशीद के रिहा होने से घाटी में राजनीतिक माहौल बदल गया है। 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत पर चल रहे इंजीनियर रशीद ने अपनी अवामी इत्तेहाद पार्टी के 34 उम्मीदवारों को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारा है और जमात-ए-इस्लामी के साथ गठबंधन किया है। राशिद ने एक बार फिर 370 को लेकर बड़ा बयान दिया है।
मीडिया से बात करते हुए इंजीनियर रशीद ने अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू कश्मीर में आए बदलाव और चुनाव प्रचार पर बात की। उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी अनुच्छेद 370 को बहाल करने का वादा करते हैं तो वह उनका साथ देंगे। इंजीनियर रशीद ने कहा कि 370 के हटने के बाद लोग चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए काफी उत्सुक हैं लेकिन ऐसा नरेंद्र मोदी के नए कश्मीर की वजह से नहीं बल्कि यहां के लोगों के दबा हुआ महसूस करते हैं।
इंजीनियर रशीद का कहना है कि फारूक अब्दुल्ला ने भी कहा था कि वह अनुच्छेद 370 को वापस लाने के लिए गांधीवादी तरीकों का इस्तेमाल करेंगे लेकिन न तो उन्होंने भूख हड़ताल की और न ही उन्होंने किसी से एक दिन के लिए भी शांतिपूर्ण हड़ताल करने को कहा। इंजीनियर रशीद ने कहा कि घाटी के नेताओं को सुप्रीम कोर्ट नहीं जाना चाहिए था। अनुच्छेद 370 एक राजनीतिक मुद्दा था लेकिन इसे कानूनी बना दिया गया। नेताओं का खेल का मैदान सड़क है, कोर्ट नहीं। वह किसी भी पार्टी से हाथ मिलाने को तैयार हैं अगर उनके पास रोडमैप है। अगर राहुल गांधी उनसे वादा करते हैं कि सत्ता में आने के 50 साल बाद भी वह अनुच्छेद 370 को बहाल करने के लिए बिल लाएंगे तो मैं उसका पालन करूंगा।
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