मुंबई : रविवार के दिन महाराष्ट्र में राजनीतिक भूचाल मच गया. इस भूचाल की खबर शायद शरद पवार को भी नहीं थी. कुछ दिन पहले पटना में विपक्ष की बैठक हुई थी जिसमें शरद पवार शामिल हुए थे. इस बैठक में शरद पवार के शामिल होने के बाद से ही उनके भतीजे अजित पवार नाराज […]
मुंबई : रविवार के दिन महाराष्ट्र में राजनीतिक भूचाल मच गया. इस भूचाल की खबर शायद शरद पवार को भी नहीं थी. कुछ दिन पहले पटना में विपक्ष की बैठक हुई थी जिसमें शरद पवार शामिल हुए थे. इस बैठक में शरद पवार के शामिल होने के बाद से ही उनके भतीजे अजित पवार नाराज चल रहे थे. शरद पवार अपना ही कुनाब नहीं संभाल पाए और उनके भतीजे 18 विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए. अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली और और उनके साथ 8 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. शरद पवार के करीबी माने जाने वाले कई विधायक अजित पवार के साथ चले गए.
अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली और और उनके साथ 8 मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ली है. इस मंत्रियों में शरद पवार के करीबी माने जाने वाले छगन भुजबल भी शामिल है. इसके अलावा रामराजे निंबालकर, दिलीप वालसे पाटिल, हसन मुश्रीफ, अदिति तटकरे, धनंजय मुंडे, संजय बनसोडे, अनिल भाईदास पाटिल और धर्मराव बाबा ने मंत्री पद की शपथ ली है. डिप्टी सीएम अजित पवार का कहना है कि हमारे साथ 40 विधायक है.
राजनीति का महारथी माने जाने वाले शरद पवार अपना ही कुनबा नहीं बचा पाए. उनके भतीजे ने एनसीपी तोड़ दी और शिंदे सरकार में शामिल हो गए. इससे विपक्ष को भी तगड़ा झटका लगा है. अगर अजित पवार के पास एनसीपी के 36 विधायकों का समर्थन होगा तभी उनपर दलबदल का कानून नहीं लागू होगा नहीं तो चुनाव आयोग अयोग्य करार देगा. इसी के साथ अजित पवार ने एनसीपी के सिंबल पर अपना दावा ठोक दिया है.
महाराष्ट्र के नवनिर्मित उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने शिंदे गुट का हाथ थाम लिया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि, ‘राज्य में विकास का महत्व देना बहुत ही जरूरी है. पिछले 9 सालों से देश के पीएम मोदी जिस तरीके से विकास का काम कर रहे हैं. मुझे लगा कि मुझे भी इस यात्रा में भागीदार बनना चाहिए. एनडीए में मैं इसलिए शामिल होना चाहता था.’
मोदी सरकार से नाराज हैं लोग, UCC सिर्फ ध्यान भटकाने की कोशिश- NCP प्रमुख शरद पवार