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Sex की बात High Court में चला, देश का मुद्दा गायब, क्या पति-पत्नी नहीं बना पा रहे है संबंध

लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए अहम टिप्पणी की है. कोर्ट ने पति-पत्नी के बीच झगड़े की वजह यौन सुख को मानते हुए इसे रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अगर पति अपनी पत्नी से अपनी शारीरिक इच्छाएं पूरी करने के लिए नहीं कहेगा तो सभ्य समाज में […]

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The issue of sex is discussed in the High Court, the issue of the country is missing, are husbands and wives not able to maintain relations
  • October 12, 2024 12:49 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए अहम टिप्पणी की है. कोर्ट ने पति-पत्नी के बीच झगड़े की वजह यौन सुख को मानते हुए इसे रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अगर पति अपनी पत्नी से अपनी शारीरिक इच्छाएं पूरी करने के लिए नहीं कहेगा तो सभ्य समाज में कहां जाएगा?

 

सबूत नहीं मिले

 

कोर्ट ने कहा कि विवाद पति-पत्नी के शारीरिक संबंधों में असंगति के कारण हुआ, दहेज के लिए क्रूरता के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि जांच में दहेज मांगने के लिए प्रताड़ित करने और मारपीट के आरोपों पर ठोस सबूत नहीं मिले. ताकि आरोप सच साबित हो सके। कोर्ट ने कहा कि यह दोनों के बीच सेक्स को लेकर आम सहमति न होने का मामला है. दरअसल, नोएडा निवासी एक महिला ने अपने पति पर दहेज उत्पीड़न और अप्राकृतिक संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए जुलाई 2018 में थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. पत्नी का आरोप है कि उनकी शादी दिसंबर 2015 में हुई थी। जिसके बाद ससुराल वाले उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे।

 

अत्याचार किया

 

महिला ने बताया कि उसका पति शराब पीने का आदी है, पॉर्न फिल्में देखता है और घर में बिना कपड़ों के घूमता है। सिंगापुर में रहने के दौरान भी उसके पति ने उस पर अत्याचार किया। जिसके बाद थाने में पति के खिलाफ आईपीसी की धारा 498 के तहत क्रूरता का मामला दर्ज किया गया. हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता ने कहा कि दहेज की मांग या उत्पीड़न को लेकर जांच में कोई ठोस सबूत नहीं है. दोनों के बीच विवाद सेक्स को लेकर एकराय न होने की वजह से है. ये लड़ाई शारीरिक रिश्ते की संतुष्टि को लेकर है. यदि पति अपनी यौन इच्छाओं की संतुष्टि पत्नी से न मांगे तो सभ्य समाज में यही कहा जाएगा।

 

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