नई दिल्ली: एक बार फिर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ऐसा फैसला सुनाया है जिससे केजरीवाल सरकार बनाम एलजी की लड़ाई और बढ़ सकती है. दरअसल सोमवार (3 जुलाई) को LG कार्यालय की ओर से एक बयान जारी किया गया है जिसमें दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों में कार्यरत 400 कार्यकर्ताओं […]
नई दिल्ली: एक बार फिर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ऐसा फैसला सुनाया है जिससे केजरीवाल सरकार बनाम एलजी की लड़ाई और बढ़ सकती है. दरअसल सोमवार (3 जुलाई) को LG कार्यालय की ओर से एक बयान जारी किया गया है जिसमें दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों
में कार्यरत 400 कार्यकर्ताओं की सेवा को समाप्त कर दिया गया है.
LG कार्यालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों, कॉरपोरेशन, बोर्ड, सोसायटी या पीएसयू में 400 निजी लोगों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. बयान में आगे कहा गया है कि जिन लोगों की सेवाएं समाप्त की गई हैं उनमें से कुछ लोगों की तैनाती में पारदर्शिता का पालन नहीं किया गया था. इनकी तैनाती बिना सक्षम प्राधिकरण के अप्रूवल के ही कर गई थी. इसके अलावा सोमवार को एलजी हाउस कार्यालय की ओर से जारी बयान में आगे बताया गया कि इन नियुक्तियों में SC/ST/OBC कैंडिडेटों के लिए आरक्षण नीति का भी पालन नहीं हुआ है.
दूसरी ओर अब तक एलजी कार्यालय की ओर से किए गए इतने बड़े निर्णय को लेकर केजरीवाल सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. जानकारी के अनुसार बयान में दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों में सेवा विभाग ने फेलो/सहायक फेलो /सलाहकार / उप सलाहकार / विशेषज्ञ/ सीनियर रिसर्च ऑफिसर/कंसल्टेन्ट समेत अन्य कई पदों पर तैनात 400 लोगों की सेवा समाप्त कर उन्हें टर्मिनेट करने की सिफारिश की थी. इसके बाद LG कार्यालय की ओर से ये कदम उठाया गया है जिसमें सभी को टर्मिनेट कर दिया गया है.
गौरतलब है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के बीच पहले ही कई मामलों को लेकर तल्खी है. अब देखना ये है कि LG कार्यालय की ओर से इतना बड़ा फैसला लिए जाने पर केजरीवाल सरकार क्या प्रतिक्रिया देती है. माना जा रहा है कि दोनों के बीच की ये तल्खी कुछ और बढ़ सकती है हालांकि अब तक इस मामले पर सीएम केजरीवाल की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.