राजस्थान में इन दिनों सांप्रदायिक दंगे भड़काने के मकसद से कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषण का वीडियो वायरल हो रहा है. तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो की भनक आला अधिकारियों को लगी और सुरक्षा के एहतियातन प्रशासन ने अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर सुरक्षा बढ़ा दी है. वीडियो में भड़काऊ भाषण देने वाले व्यक्ति की पहचान कर उसे हिरासत में ले लिया गया है.
अजमेरः राजस्थान में इन दिनों सांप्रदायिक दंगे भड़काने के मकसद से कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषण का वीडियो वायरल हो रहा है. तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो की भनक आला अधिकारियों को लगी और सुरक्षा के एहतियातन प्रशासन ने अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर सुरक्षा बढ़ा दी है. वीडियो में भड़काऊ भाषण देने वाले व्यक्ति की पहचान कर उसे हिरासत में ले लिया गया है. आरोपी से पूछताछ करते हुए पुलिस मामले की जांच कर रही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी का नाम लखन सिंह है और उसे शिवसेना हिंदुस्तान नामक संगठन का सदस्य बताया जा रहा है. मामले की जांच में जुटे पुलिस अफसर राजेंद्र सिंह ने बताया कि शिवसेना हिंदुस्तान नाम के हिंदूवादी संगठन की ओर से यह वीडियो जारी किया गया था. वीडियो में अजमेर दरगाह को हिंदू मंदिर बताया गया है और बाबरी मस्जिद की तर्ज पर उसे भी ढहाने का आह्वान किया गया है. वीडियो वायरल होने के बाद दरगाह मैनेजमेंट के सदस्य पुलिस अधिकारियों से मिले और दरगाह के पास अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने की अपील की. राजेंद्र सिंह ने बताया, ‘हमारी फोर्स वहां पहले से वहां तैनात है और आसपास के इलाकों के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है. साथ ही लगातार स्थिति की समीक्षा की जा रही है. मौके पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं.’
चिश्ती फाउंडेशन के चेयरमैन सलमान चिश्ती ने कहा कि अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पिछले 800 वर्षों से हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक के रूप में जानी जाती है. दरगाह को पहली बार विवाद में घसीटने की कोशिश की जा रही है. देवबंद के उलेमा ने भी सरकार से ऐसे संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने और इन संगठनों को प्रतिबंधित करने की मांग की है. दरगाह के प्रबंधन से जुड़े समीर चिश्ती ने कथित वीडियो के जांच की बात कही और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. समीर चिश्ती ने कहा, ‘हम कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा दिए गए अपमानजनक बयानों की कड़ी निंदा करते हैं, जो देश में शांति और सौहार्द को बिगाड़ना चाहते हैं. हम सूफी हैं और हमारा लक्ष्य लोगों के बीच प्रेम, शांति और भाईचारे को बढ़ावा देना है.’
दूसरी ओर हिंदूवादी संगठन शिवसेना हिंदुस्तान ने वीडियो में भड़काऊ भाषण दे रहे शख्स को उनके संगठन का होने से इनकार किया है. उन्होंने इसे संगठन के खिलाफ साजिश करार दिया. संगठन ने राष्ट्रपति और पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है.
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