नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कई राज्यों, खासकर मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के कारण लंबित स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव के संबंध में एक महत्वपूर्ण आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को लंबित निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद कई राज्यों खासकर मध्य प्रदेश में बिना […]
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कई राज्यों, खासकर मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के कारण लंबित स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव के संबंध में एक महत्वपूर्ण आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को लंबित निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद कई राज्यों खासकर मध्य प्रदेश में बिना ओबीसी आरक्षण के निकाय चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है।
अदालत ने एक अंतरिम आदेश में राज्य चुनाव आयोग को दो सप्ताह के भीतर अधिसूचना जारी करने को कहा। कोर्ट ने यह भी कहा कि ओबीसी आरक्षण की शर्तों को पूरा किए बिना आरक्षण नहीं दिया जा सकता।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकायों के चुनाव में ओबीसी के आरक्षण को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। कोर्ट ने अपना फैसला 10 मई तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने राज्य में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण के आधार पर रिपोर्ट पेश की थी। इसमें ओबीसी को 35 फीसदी आरक्षण देने की सिफारिश की गई है। वहीं सरकार की ओर से कहा गया कि हम कोर्ट के निर्देश पर चुनाव कराने को तैयार हैं।
राज्य में त्रिस्तरीय (गांव, जिला और जिला) पंचायत और शहरी निकाय (नगर परिषद, नगर पालिका और नगर निगम) में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए कोर्ट ने जांच कराने का आदेश दिए थे। जिसके बाद राज्य सरकार ने राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया था, जिसने मतदाता सूची की जांच के बाद दावा किया कि राज्य में 48 फीसदी मतदाता ओबीसी हैं। इसी आधार पर त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी को 35 फीसदी आरक्षण की सिफारिश करते हुए रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई थी।
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