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Lajpat Nagar Blast: 27 साल बाद आया SC का फैसला, ब्लास्ट मामले में 4 दोषियों को उम्रकैद

नई दिल्ली: आज से 27 साल पहले दिल्ली के लाजपत नगर में हुए ब्लास्ट को लेकर गुरुवार (6 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. शीर्ष अदालत ने मामले में चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए ये साफ किया कि चारों को आगे चलकर […]

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Lajpat Nagar Blast: 27 साल बाद आया SC का फैसला, ब्लास्ट मामले में 4 दोषियों को उम्रकैद
  • July 6, 2023 7:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: आज से 27 साल पहले दिल्ली के लाजपत नगर में हुए ब्लास्ट को लेकर गुरुवार (6 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. शीर्ष अदालत ने मामले में चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए ये साफ किया कि चारों को आगे चलकर इस सजा में कोई रियायत नहीं दी जाएगी. इन चारों दोषियों को जेल के पीछे ही जीवन काटना होगा. चारों दोषियों का नाम मोहम्मद नौशाद, जावेद अहमद खान, मिर्जा निसार हुसैन और मोहम्मद अली भट्ट है.

हाईकोर्ट ने दो आरोपियों को किया बरी

हालांकि इससे पहले दिल्ली की हाईकोर्ट ने लाजपत नगर ब्लास्ट मामले के दो आरोपियों को मोहम्मद अली भट्ट और मिर्जा निसार हुसैन को बरी करने का आदेश दिया था. हाई कोर्ट ने अन्य आरोपी मोहम्मद नौशाद को सुनाई गई मौत की सजा को भी आजीवन कारावास में बदल दिया था. हालांकि चौथे दोषी जावेद अहमद खान की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी गई थी. इसके बाद दोनों आरोपियों मोहम्मद नौशाद और जावेद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और अपनी सजा को चुनौती दी थी.

मोहम्मद अली और मिर्जा निसार हुसैन को बरी करने और नौशाद की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने के आदेश को पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दायर कर चुनौती दी थी. हाईकोर्ट के फैसले को दी गई चुनौती वाली याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में 10 साल तक पेंडिंग थी.

13 लोगों की हुई थी मौत

मालूम हो ये पूरा मामला साल 1996 का है जब दिल्ली के लाजपत नगर सेंट्रल मार्किट में एक बड़ा धमाका हुआ था. इस धमाके में 13 लोगों की जान चली गई थी और 38 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. मार्किट की कुल 14 दुकानों को काफी नुकसान पहुंचा था जिसके बाद इस धमाके की जिम्मेदारी प्रतिबंधित जम्मू कश्मीर इस्लामिक फ्रंट ने ली थी. अपनी चार्जशीट में पुलिस ने दावा किया था कि आईएसआई (ISI) के साथ मिलकर जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के बिलाल अहमद बेग के नेतृत्व में इस धमाके की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी.

 

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