दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण विवाद को निपटाने के लिए SC जल्द करेगा विचार

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह केंद्र सरकार की उस याचिका पर फैसला करेगा कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण पर विवाद को निपटाने के लिए पांच-न्यायाधीशों की पीठ के पास भेजा जाए या नहीं. इस याचिका का आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने कड़ा विरोध […]

Advertisement
दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण विवाद को निपटाने के लिए SC जल्द करेगा विचार

Pravesh Chouhan

  • April 28, 2022 5:48 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह केंद्र सरकार की उस याचिका पर फैसला करेगा कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण पर विवाद को निपटाने के लिए पांच-न्यायाधीशों की पीठ के पास भेजा जाए या नहीं. इस याचिका का आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने कड़ा विरोध किया था. केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण के विवादित मुद्दे को संविधान पीठ के पास भेजा जाए.

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और हेमा कोहली की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद कहा कि हम विचार करेंगे और इस पर निर्णय लेंगे. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र का प्रतिनिधित्व किया जबकि वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व किया. सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हर बार छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने के लिए नहीं है. अगर यहां सिर्फ तीन या पांच जज होते तो कैसा होता.

उन्होंने कहा कि 2018 में संविधान पीठ के फैसले में कोई अस्पष्टता नहीं थी लेकिन अगर कुछ महसूस होता है तो वर्तमान पीठ इस पर गौर कर सकती है. दूसरी ओर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मामले को इस आधार पर एक संविधान पीठ को सौंपने की जरूरत है कि पांच-न्यायाधीशों की पीठ के पहले के फैसलों में यह तय करने का रोडमैप नहीं था. सामना करने में सक्षम होंगे. मेहता ने आगे कहा कि पीठ ने निष्कर्ष निकाला है कि बड़ी संविधान पीठ ने कुछ पहलुओं पर विचार नहीं किया…

ऐसे में इस विवाद को संविधान पीठ के समक्ष भेजने की जरूरत है. केंद्र सरकार ने बुधवार को पीठ से कहा कि उसे दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं को नियंत्रित करने की जरूरत है क्योंकि यह देश का चेहरा है. सॉलिसिटर जनरल ने यह भी कहा था कि दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शासन मॉडल के लिए केंद्र सरकार को केंद्रीय भूमिका निभाने की आवश्यकता होगी, भले ही यहां कई विधानसभा या मंत्रिपरिषद क्यों ना हो.

यह भी पढ़े:

गुरुग्राम के मानेसर में भीषण आग, मौके पर दमकल की 35 गाड़ियां

Advertisement