केंद्र सरकार को बड़ा झटका, SC/ST एक्ट में बदलाव पर फौरी रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

एससी-एसटी एक्ट में हुए बदलाव पर केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एक्ट के खिलाफ नहीं हैं लेकिन निर्दोषों को सजा नहीं मिलनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये अकेला ऐसा कानून है कि इस केस में आरोपी को दूसरा कोई कानूनी उपचार नही मिलता. अगर एक बार मामला दर्ज हुआ तो वह अरेस्ट हो जाता है. फिलहाल कोर्ट ने एक्ट में बदलाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. बता दें कि एससी-एसटी एक्ट में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित संगठनों ने सोमवार को भारत बंद बुलाया था. इस दौरान कई राज्यों में हिंसा हुई, जिसमें 10 लोग मारे गए और दर्जनों लोग घायल हुए.

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केंद्र सरकार को बड़ा झटका, SC/ST एक्ट में बदलाव पर फौरी रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

Aanchal Pandey

  • April 3, 2018 3:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः SC/ST एक्ट में हुए बदलाव पर केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. दो न्यायाधीशों की बेंच मामले की खुली अदालत में सुनवाई कर रही है. केंद्र सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एक्ट के खिलाफ नहीं हैं लेकिन निर्दोषों को सजा नहीं मिलनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं उन्होंने हमारा जजमेंट पढ़ा भी नहीं है और वह विरोध कर रहे हैं. हमें उन निर्दोष लोगों की चिंता है जो जेलों में बंद हैं. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को झटका देते हुए एक्ट में बदलावों पर रोक लगाने के इनकार कर दिया है. कोर्ट ने मामले से जुड़ी सभी पार्टियों को दो दिन में जवाब दाखिल करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 10 दिन बाद होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये अकेला ऐसा कानून है कि किसी व्यक्ति को दूसरा कोई कानूनी उपचार नही मिलता. अगर एक बार मामला दर्ज हुआ तो आरोपी गिरफ्तार हो जाता है. इस मामले में अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं है जबकि दूसरे मामलों में संरक्षण के लिए दूसरे फोरम हैं. अगर कोई दोषी है तो उसे सजा मिलनी चाहिए लेकिन बेगुनाह को सजा न मिले.

कोर्ट ने कहा कि प्रेरित, दुर्भावना और झूठे आरोप लगाकर नागरिकों की स्वतंत्रता का हनन नहीं कर सकते.जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने कहा कि इस कानून में आरोपों को सत्यापित करना मुश्किल है इसलिए इस तरह की गाइडलाइन जारी की गई. दूसरी ओर अन्य अपराधों में आरोपों को सत्यापित किया जा सकता है.

इस मामले में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया. कानून मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने 6 दिन के भीतर रिव्यू पिटीशन फाइल की. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अभी तक लोगों से शांति बनाए रखने की अपील नहीं की. रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘हम ये नहीं कह रहे कि सरकार इसकी पार्टी नहीं होती. ये भी कांग्रेस का शिगूफा है. रिव्यू पिटीशन में बात नहीं बनी तो सरकार सारे विकल्प देखेगी.’

रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि गौर करने वाली बात है कि जिन प्रदेशों में आने वाले वक्त में चुनाव होने हैं हिंसा वहीं ज्यादा हुई है. बताते चलें कि सोमवार को एससी-एसटी एक्ट में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित संगठनों ने भारत बंद बुलाया था. इस दौरान कई राज्यों में हिंसा हुई, जिसमें 10 लोग मारे गए और दर्जनों लोग घायल हुए.

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