नई दिल्ली. नई दिल्ली. बीते दिनों फ़िरोज़पुर में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को बीते दिन हुए प्रधानमंत्री के पंजाब दौरे के दौरान उनके यात्रा रिकॉर्ड को सुरक्षित और संरक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं.
सुनवाई के दौरान वकील मनिंदर सिंह ने दलील पेश करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा का मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है और यह संसदीय दायरे में आता है इसलिए इस घटना की पेशेवर रूप से जांच की जानी चाहिए. वहीं इस मामले पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ये आतंकवाद का मामला है इसलिए एनआईए अधिकारी जांच में हिस्सा ले सकते हैं.
पीएम की सुरक्षा में हुई चूक मामले की अगली सुनवाई अब 10 जनवरी, सोमवार को होगी. मामले पर सीजेआई ने कहा कि चूक, लापरवाही के कारणों की जांच जल्द से जल्द करने की जरूरत है. चीफ जस्टिस ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि हम केवल चूक के बारे में सोच रहे हैं हम सिर्फ चूक की बात कर रहे हैं, न कि यह किसने किया और क्या हो सकता था आदि मुद्दों पर. केंद्र ने इस मामले में NIA के महानिदेशक को नोडल अधिकारी बनाने का सुझाव दिया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ के DG और NIA के एक अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया है.
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