SC On Jamia Protest Violence Over CAA: जामिया नगर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा है कि आप छात्र हैं, इसका मतलब ये नहीं कि आपको हिंसा करने का अधिकार मिल जाता है. सुप्रीम कोर्ट कल यानी कि 17 दिसंबर को सुनवाई करेगा. बता दें कि रविवार को हुई हिंसा के बाद जामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को 5 जनवरी तक बंद कर दिया गया है.
नई दिल्ली. SC On Jamia Protest Violence Over CAA: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हुए बवाल का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट कल इस मामले में सुनवाई करेगा. इंदिरा जयसिंह ने चीफ जस्टिस बोबडे की बेंच को मामले का स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया है. इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट में कहा कि यह पूरे देश में हो रहे गंभीर मानवाधिकारों का उल्लंघन है.
वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने जामिया और एएमयू हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. ह्यूमन राइट्स लॉ नेटवर्क ने जामिया और AMU के छात्रों को लेकर याचिका दाखिल की है. जामिया और AMU मामले में वरिष्ठ वकील इंद्रा जय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेने की मांग की है. उन्होंने कहा कि छात्रों को मार गया उनके साथ हिंसा हुई, इस मामले की जांच की जरूरत है.
वरिष्ठ वकील कोलीन ने भी सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेने की मांग की. याचिका में सभी घायल छात्रों को मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की. छात्रों को हॉस्टल छोड़ने पर मजबूर न किया जाए और जो छात्र घायल हैं उनको मुआवजा दिया जाए. उन्होंने कहा कि यह मानव अधिकार हनन का गंभीर मामला है.
Senior advocate Indira Jaising mentioned Jamia Millia Islamia&Aligarh Muslim University incidents before a bench headed by Chief Justice SA Bobde. Jaising asks SC to take suo motu cognizance of the issue saying'It's a very serious human rights violation all over the country.' pic.twitter.com/ikIxzuLgLP
— ANI (@ANI) December 16, 2019
इस पर चीफ एस ए जस्टिस बोबड़े ने कहा कि हम ये नहीं कह रहे हैं कि कौन जिम्मेदार है. हम चाहते है कि अभी कोर्ट में शांति बनाए रखें. सीजेआई ने कहा ‘हम अधिकारों का निर्धारण करेंगे लेकिन दंगों के माहौल में नहीं, इस सब को बंद हो जाने दीजिए और फिर हम इसपर स्वत: संज्ञान लेंगे. हम अधिकारों और शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के खिलाफ नहीं हैं.
चीफ जस्टिस एसए बोबड़े ने कहा कि आप छात्र हैं तो आपको हिंसा करने का अधिकार नहीं मिल जाता है. इसका मतलब यह नहीं है कि वे कानून और व्यवस्था को अपने हाथ में ले सकते हैं. इस मामले में कल सुनवाई होगी, लेकिन हम चेतावनी देते हैं कि अगर प्रदर्शन, हिंसा और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जाता है तो हम सुनवाई नहीं करेंगे.
CJI SA Bobde says 'Just because they happen to be students, it doesn't mean they can take law and order in their hands, this has to be decided when things cool down. This is not the frame of mind when we can decide anything. Let the rioting stop.'
— ANI (@ANI) December 16, 2019
Supreme Court will hear the matter tomorrow. https://t.co/gAF5Va7HKo
— ANI (@ANI) December 16, 2019
जामिया नगर हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने दो FIR दर्ज की हैं. पहला मामला न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में आगजनी,दंगा फैलाने,सरकारी संपत्ति को नुकसान और सरकारी काम में बाधा पहुँचाने का दर्ज हुआ हैं. वहीं दूसरा मामला जामिया नगर थाने में दंगा फैलाने ,पथराव और सरकारी काम में बाधा करने का केस दर्ज हुआ है. बता दें कि हिंसा के चलते दिल्ली स्थित जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) को 5 जनवरी तक बंद कर दिया गया है.