SC On Bihar Caste Survey: नीतीश सरकार सार्वजनिक करेगी जाति सर्वे के आंकड़े, सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से किया इनकार

पटना: हाल ही में बिहार सरकार ने प्रदेश में जाति आधारित सर्वे कराया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई थी. जिसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (SC On Bihar Caste Survey) ने नीतीश सरकार को इस सर्वे के आंकड़े को सार्वजनिक करने का आदेश दिया है. मंगलवार (2 जनवरी) को सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि जाति सर्वेक्षण का डेटा ब्रेकअप सार्वजनिक किया जाए. बता दें कि मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी.

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (SC On Bihar Caste Survey) ने कहा कि बिहार में हुए इस जाति सर्वेक्षण का डेटा सार्वजनिक न करे जाने पर वह चिंतित है. कोर्ट ने बिहार सरकार को कहा कि वह इस सर्वे के आंकड़े को जनता को उप्लब्ध कराए. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति जाति सर्वे के किसी विशेष परिणाम को चुनौती देना चाहता है, तो उसके पास इसका डेटा होना चाहिए.

आंशिक रिपोर्ट हुए जारी

मालूम हो कि अक्टूबर, 2023 में बिहार सरकार के प्रभारी मुख्य सचिव विवेक सिंह ने जाति सर्वे की रिपोर्ट आंशिक रूप से जारी किए थे. बिहार सरकार की तरफ से इस दौरान कुल 214 जातियों के आंकड़े जारी किए गए. इस सर्वे के मुताबिक, बिहार में सामान्य वर्ग की आबादी 15 फीसदी है. वहीं पिछड़ा वर्ग की आबादी 27 प्रतिशत से ज्यादा है. 20 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति की है. सर्वे के आंकड़ो के मुताबिक, बिहार में कुछ जातियों की आबादी 100 से भी कम है.

सामान्य वर्ग- 15%
पिछड़ा वर्ग- 27%
अनुसूचित जाति- 20%


Also Read:

Tags

bihar caste based censusBihar Caste based census reportBihar Caste Surveybihar newshindi newsIndia News In Hindilatest india news updatesNews in HindiSC On Bihar Caste Survey
विज्ञापन