Saradha Chit Fund Scam: पहले पड़ी थी रेड, हुई थी पूछताछ, बीजेपी से जुड़ने के बाद मुकुल रॉय और हिमंता बिस्वा शर्मा से हटा सीबीआई का दबाव
Saradha Chit Fund Scam: सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद 2014 में शारदा चिट फंड मामले में जांच शुरू की थी. कहा जा रहा है कि इस जांच से जुड़े मुकुल रॉय और हेमंता बिस्वा शर्मा पर सीबीआई का शिकंजा कम होता जा रहा है क्योंकि दोनों ही भाजपा से जुड़ गए हैं. दोनों सीबीआई की जांच के दौरान ही अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा से जुड़े थे.
February 5, 2019 10:09 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में सीबीआई ने कोलकाता पुलिस कमिशनर राजीव कुमार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. वहीं दूसरी ओर खबरें हैं कि शारदा चिट फंड मामले में पूर्व रेल मंत्री और पूर्व टीएमसी उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के खिलाफ मामला ठंडा होता जा रहा है. 2015 में मुकुल रॉय के खिलाफ शुरू हुई जांच अब ठंडी पड़ गई है. मुकुल रॉय की ही तरह असम मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के साथ भी ऐसा ही रहा. कथित रूप से इस मामले में पैसे देने के आरोप लगने के बाद हेमंता बिस्वा शर्मा को नोटिस भेजे गए और उनके घर पर रेड भी की गई लेकिन उनका नाम चार्जशीट में दायर नहीं किया गया.
दरअसल मुकुल और हिमंता दोनों ही जांच के दौरान भाजपा से जुड़ गए थे. सीबीआई ने 2014 में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जांच शुरू की थी. उन्होंने 30 जनवरी 2015 को मुकुल रॉय से पूछताछ की थी. मुकुल से शारदा चिट फंड मामले में शारदा चेयरमेन के सुदिप्ता सेन के साथ उनके संबंधों के बारे में पूछताछ की जा रही थी. सीबीआई के पास सुदिप्ता सेन के ड्राइवर का बयान था जिसमें कहा गया था कि मुकुल रॉय ने सुदिप्ता सेन को कोलकाता से भागने में मदद की थी.
सीबीआई ने 2015 में मुकुल रॉय के खिलाफ नोटिस भी जारी किया था. मुकुल पर टीएमसी विधायक कुनाल घोष ने आरोप लगाए थे जिसके बाद नोटिस भेजा गया. घोष को 2013 में शारदा चिट फंड मामले से जुड़े एक दूसरे केस में गिरफ्तार किया गया था. घोष ने घोटाले में मुकुल के साथ 12 लोगों का नाम दिया था. मुकुल रॉय 3 नबंवर 2017 को भाजपा से जुड़ गए. हालांकि इसपर बात उन्होंने 2015 में ही शुरू कर दी थी.
वहीं हिमंता बिस्वा से सीबीआई ने 26 नवंबर 2014 को पूछताछ की थी. दो महीने पहले सीबीआई ने उनके घर और उनकी पत्नी के गुवाहाटी स्थित न्यूज चैनल में रेड की थी. हिमंता पर आरोप थे की उन्हें सुदिप्ता सेन ने 20 लाख रुपएये प्रति महीने शारदा चिट फंड का व्यापार असम में चलाने के लिए दिए थे. हालांकि सीबीआई ने किसी भी चार्टशीट में हिमंता का नाम नहीं दिया. हिमंता 28 अगस्त 2015 को भाजपा से जुड़ गए थे. इसके बाद सीबीआई ने घोटाले की जांच में हिमंता को तलब नहीं किया.