नई दिल्ली. अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच अफसरों के ट्रांसफर और नियुक्ति का मामला अब 3 जजों वाली बेंच को ट्रांसफर कर दिया गया है. गुरुवार को दो जजों वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच में जजों की राय अलग-अलग रही. कोर्ट ने एंटी करप्शन ब्यूरो को केंद्र के अधीन बताया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह भड़क गए. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही सवालियानिशान खड़ा कर दिया.
ट्वीट कर संजय सिंह ने लिखा,”क्या मोदी जी की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट निर्णय नही देता? राफ़ेल में खुला भ्रष्टाचार हुआ केन्द्र सरकार ने SC में झूठ बोला पर SC ख़ामोश ? CBI पर SC ने निर्णय दिया या मज़ाक़ किया? दिल्ली की करोड़ों जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया सुप्रीम कोर्ट है या नायब तहसीलदार कोर्ट?” संजय सिंह के इस बयान की सोशल मीडिया पर जमकर किरकिरी हो रही है. लोगों ने यहां तक कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट पर भी शक है. तुम्हारा आका सही है, बाकी सब मिले हुए हैं.
संजय सिंह का ट्वीट:
अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का मामला सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बेंच को भेज दिया. वहीं आप सरकार को झटका देते हुए एसीबी को केंद्र सरकार के अधीन बताया. पहले जस्टिस एके सीकरी ने अपना फैसला पढ़ा. उन्होंने कहा कि ग्रेड 1 और ग्रेड 2 अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग एलजी करेंगे. वहीं दानिक्स कैडर के अफसरों की नियुक्ति और तबादले दिल्ली सरकार के पास होंगे. लेकिन इसमें भी एलजी से सहमति लेनी होगी. विवाद होने की स्थिति में मामला राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. कोर्ट ने बिजली संबंधी अधिकार दिल्ली सरकार के अधीन बताए. जस्टिस सीकरी ने कहा कि दानिक्स अधिकारियों के लिए सर्विस बोर्ड का गठन किया जाए. डायरेक्टर पद पर सीधे नियुक्ति अरविंद केजरीवाल कर सकते हैं.
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