चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि संभल में हिंसा अभी ठंडी नहीं हुई है.. संभल अभी जल रहा है और अब अजमेर.. कल कहीं और.. मैं पूछना चाहता हूं कि उपासना अधिनियम 1991 का क्या हुआ? 'अगर आप मंदिर के नीचे बौद्ध मठ ढूंढने लगेंगे..' नगीना सांसद ने कहा कि हमारे पूर्व जस्टिस के एक बयान ने आज देश में यह माहौल बना दिया है।
नई दिल्लीः मंदिर बनाम मस्जिद की लड़ाई में अब बौद्ध मठ की भी एंट्री हो गई है। जिला न्यायालय ने अजमेर शरीफ दरगाह को मंदिर घोषित करने वाली याचिका स्वीकार कर लिया है, जिसके बाद इसको लेकर राजनीति तेज हो गई है। नगीना से लोकसभा सांसद और आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि अगर बौद्ध समुदाय के लोग भी इसी तरह कोर्ट चले जाएंगे और हिंदू मंदिरों के नीचे बने मठों का सर्वे कराने की मांग करने लगेंगे तो सरकार क्या करेगी?
मीडिया से बात करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि संभल में हिंसा अभी ठंडी नहीं हुई है.. संभल अभी जल रहा है और अब अजमेर.. कल कहीं और.. मैं पूछना चाहता हूं कि उपासना अधिनियम 1991 का क्या हुआ? ‘अगर आप मंदिर के नीचे बौद्ध मठ ढूंढने लगेंगे..’ नगीना सांसद ने कहा कि हमारे पूर्व जस्टिस के एक बयान ने आज देश में यह माहौल बना दिया है। उनकी गैर जिम्मेदारी का ही नतीजा है कि आज हर धार्मिक स्थल के नीचे दूसरा धार्मिक स्थल खोजा जा रहा है। मेरा सवाल है कि ऐसे समय में, क्योंकि देश में बौद्धों का भी इतिहास रहा है, अगर बौद्ध समुदाय के लोग भी कोर्ट में जाकर हिंदू मंदिरों के नीचे बौद्ध मठों का सर्वे कराने की मांग करने लगेंगे, तो सरकार क्या करेगी? क्या तब भी कोर्ट का रुख यही रहेगा?
इससे पहले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी ऐसा ही बयान दिया था। उन्होंने कहा कि “अगर हम इतिहास खंगालें तो अगर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई तो उससे पहले भी कई मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए थे।”
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