लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनाव में एक साल से भी कम समय रह गया है। ऐसे में देशभर की सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है। जिसके मद्देनजर इन दिनों समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव दलितों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। बीते कुछ समय से मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर […]
लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनाव में एक साल से भी कम समय रह गया है। ऐसे में देशभर की सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है। जिसके मद्देनजर इन दिनों समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव दलितों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। बीते कुछ समय से मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर उनके और कांग्रेस पार्टी के बीच तकरार नजर आई। जिसको देख इंडिया गठबंधन को लेकर भी सवाल उठने लगे थे। फिलहाल अब सपा अध्यक्ष ने अपना पूरा ध्यान यूपी में दलितों को साधने में लगा दिया है। जिसके तहत अखिलेश यादव इन दिनों अपने पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) प्लान पर काम करते नजर आ रहे हैं। बता दें कि अखिलेश यादव लखनऊ में दिसबंर महीने में महादलित समाज कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन करने वाले हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 में दलितों को अपने पाले में लाने के लिए अखिलेस यादव महादलित समाज कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने जा रहे हैं। इससे पहले भी वह अपने कई कार्यक्रम में अपने पीडीए फॉर्मुले का जिक्र कर दलितों को साधते नजर आए हैं। मौजूदा समय में फिलहाल उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 17 सीटों को आरक्षित रखा गया है। जिन पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी पकड़ मजबूत बनाना चाहते हैं।
बता दें कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश की सभी 17 दलित सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को दो दलित सीटें गंवानी पड़ी थी और 15 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। वहीं दो सीटों पर बसपा ने जीत दर्ज की थी। बता दें कि उत्तर प्रदेश में 21 से 22 प्रतिशत वोट बैंक दलित है। ज्यादातर सीटों पर जीत दिलाने के लिए दलित वोट बैंक निर्णायक योगदान निभाता है।