समाजवादी पार्टी (सपा) की प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. सपा के मीडिया पैनलिस्ट की नई सूची जारी होते ही उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उनका नाम 24 लोगों की इस नई लिस्ट में नहीं था.
लखनऊः समाजवादी पार्टी (सपा) की राष्ट्रीय प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. सपा की ओर से आज ही 24 लोगों की मीडिया पैनलिस्ट की लिस्ट जारी की गई थी, जिसमें उनका नाम नहीं था. लिस्ट के जारी होते ही उन्होंने ट्वीट कर इस्तीफे का ऐलान कर दिया. पंखुड़ी पाठक ने सपा नेताओं पर कई संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि अब यहां रहने से दम घुटता है.
पंखुड़ी पाठक ने ट्वीट किया, ‘भारी मन से सभी साथियों को सूचित करना चाहती हूँ कि मैं समाजवादी पार्टी के साथ अपने सफर का अंत कर रही हूं. 8 साल पहले विचारधारा व युवा नेतृत्व से प्रभावित होकर मैं इस पार्टी से जुड़ी थी लेकिन आज ना वह विचारधारा दिखती है ना वह नेतृत्व. जिस तरह की राजनीति चल रही है उसमें अब दम घुटता है. कभी जाति कभी धर्म तो कभी लिंग को लेकर जिस तरह की अभद्र टिप्पणियां लगातार की जाती हैं और पार्टी नेतृत्व सब कुछ जान कर भी शांत रहता है, यह दिखता है कि नेतृत्व ने भी इस स्तर की राजनीति को स्वीकार कर लिया है. ऐसे माहौल में अपने स्वाभिमान के साथ समझौता करके बने रहना अब मुमकिन नहीं है.’
पंखुड़ी पाठक ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए. उन्होंने आगे लिखा, ‘मुझे पता है कि इसके बाद मेरे बारे में तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जाएंगी लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहती हूँ कि मैं किसी भी राजनैतिक दल से सम्पर्क में नहीं हूं, ना ही किसी से जुड़ने का सोच रही हूं. अन्य जिम्मेदारियों के चलते जो उच्च शिक्षा अधूरी रह थी अब उसे पूरा करने का प्रयास करूंगी. अगर मैं अपने सिद्धांतों और स्वाभिमान की लड़ाई नहीं लड़ सकी तो समाज के जरूरतमन्दों की लड़ाई कैसे लड़ूंगी? यह मतभेद वैचारिक है, व्यक्तिगत नहीं. किसी व्यक्ति या दल से विश्वास उठ जाए तो परे हो जाना ही बेहतर है. राजनीति ही तो सब कुछ नहीं और भी तरीके हैं समाज सेवा करने के.’
पंखुड़ी पाठक ने आगे कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को मैंने नेता और आदर्श ही नहीं, एक बड़ा भाई भी माना है. पार्टी को गलत दिशा में जाते देख मुझे दुख होता है. सपा में आज न ही लोकतंत्र बचा है और न ही कार्यकर्ता का सम्मान. पंखुड़ी पाठक ने साफ कर दिया है कि वह किसी दल से नहीं जुड़ने जा रही हैं. अब वह अपना पूरा ध्यान उच्च शिक्षा पूरी करने पर देंगी.
भारी मन से सभी साथियों को सूचित करना चाहती हूँ कि @samajwadiparty के साथ अपना सफ़र मैं अंत कर रही हूँ।8 साल पहले विचारधारा व युवा नेतृत्व से प्रभावित हो कर मैं इस पार्टी से जुड़ी थी लेकिन आज ना वह विचारधारा दिखती है ना वह नेतृत्व। जिस तरह की राजनीति चल रही है उसमें अब दम घुटता है
— Pankhuri Pathak पंखुड़ी पाठक پنکھڑی (@pankhuripathak) August 27, 2018
कभी जाति कभी धर्म तो कभी लिंग को ले कर जिस तरह की अभद्र टिप्पणियाँ लगातार की जाती हैं और पार्टी नेतृत्व सब कुछ जान कर भी शांत रहता है यह दिखता है कि नेतृत्व ने भी इस स्तर की राजनीति को स्वीकार कर लिया है। ऐसे माहौल में अपने स्वाभिमान के साथ समझौता कर के बने रहना अब मुमकिन नहीं है
— Pankhuri Pathak पंखुड़ी पाठक پنکھڑی (@pankhuripathak) August 27, 2018
मुझे पता है कि इसके बाद मेरे बारे में तरह तरह की अफ़वाहें फैलायी जाएँगी लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहती हूँ कि मैं किसी भी राजनैतिक दल से सम्पर्क में नहीं हूँ ना ही किसी से जुड़ने का सोच रही हूँ।अन्य ज़िम्मेदारियों के चलते जो उच्च शिक्षा अधूरी रह थी अब उसे पूरा करने का प्रयास करूँगी।
— Pankhuri Pathak पंखुड़ी पाठक پنکھڑی (@pankhuripathak) August 27, 2018
अगर मैं अपने सिद्धांतों और स्वाभिमान की लड़ाई नहीं लड़ सकी तो समाज के ज़रूरतमन्दों की लड़ाई कैसे लड़ूँगी ?
यह मतभेद वैचारिक है, व्यक्तिगत नहीं ।
किसी व्यक्ति या दल से विश्वास उठ जाए तो परे हो जाना ही बेहतर है ।
राजनीति ही तो सब कुछ नहीं.. और भी तरीक़े हैं समाज सेवा करने के ।— Pankhuri Pathak पंखुड़ी पाठक پنکھڑی (@pankhuripathak) August 27, 2018
https://youtu.be/PxhZ4frruc4