यूपी के बुलंदशहर में धारदार हथियार से दो साधुओं की हत्या कर दी गई. लॉकडाउन के दौरान ही महाराष्ट्र के पालघर के बाद यह दूसरी ऐसी घटना है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है.
नई दिल्ली. लॉकडाउन के दौरान ही महाराष्ट्र के पालघर के बाद अब उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में धारदार हथियार से दो साधुओं की हत्या कर दी गई. ग्रामीणों ने इस वारदात की सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. ग्रामीणों की मदद से पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है.
मिली जानकारी के अनुसार, यह मामला अनूपशहर कोतवाली के पगोना गांव की शिव मंदिर का है. शुरुआती जांच के बाद पुलिस का कहना है कि आरोपी नशा करता है और कुछ समय पहले साधुओं ने चिमटा चुराने को लेकर डांट दिया था. बदले की भावना में आरोपी ने रात को सोते समय साधुओं की हत्या कर दी. सुबह ग्रामीण जब गांव पहुंचे तो उन्होंने साधुओं के शवों को देखा.
साधुओं की हत्या पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि उप्र के बुलंदशहर में मंदिर परिसर में दो साधुओं की नृशंस हत्या अति निंदनीय व दुखद है. इस प्रकार की हत्याओं का राजनीतिकरण न करके, इनके पीछे की हिंसक मनोवृत्ति के मूल कारण या आपराधिक कारण की गहरी तलाश करने की आवश्यकता होती है. इसी आधार पर समय रहते न्यायोचित कार्रवाई करनी चाहिए.
उप्र के बुलंदशहर में मंदिर परिसर में दो साधुओं की नृशंस हत्या अति निंदनीय व दुखद है.
इस प्रकार की हत्याओं का राजनीतिकरण न करके, इनके पीछे की हिंसक मनोवृत्ति के मूल कारण या आपराधिक कारण की गहरी तलाश करने की आवश्यकता होती है. इसी आधार पर समय रहते न्यायोचित कार्रवाई करनी चाहिए.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 28, 2020
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि अप्रैल के पहले 15 दिनों में ही उप्र में सौ लोगों की हत्या हो गई, तीन दिन पहले एटा में पचौरी परिवार के 5 लोगों के शव संदिग्ध परिस्थितियों में पाए गए. कोई नहीं जानता उनके साथ क्या हुआ. आज बुलंदशहर में एक मंदिर में सो रहे दो साधुओं को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया. ऐसे जघन्य अपराधों की गहराई से जाँच होनी चाहिए और इस समय किसी को भी इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए. निष्पक्ष जांच करके पूरा सच प्रदेश के समक्ष लाना चाहिए. यह सरकार की ज़िम्मेदारी है.
अप्रैल के पहले 15 दिनों में ही उप्र में सौ लोगों की हत्या हो गई। तीन दिन पहले एटा में पचौरी परिवार के 5 लोगों के शव संदिग्ध परिस्थितियों में पाए गए। कोई नहीं जानता उनके साथ क्या हुआ।
आज बुलंदशहर में एक मंदिर में सो रहे दो साधुओं को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया।..
1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 28, 2020