राज्य

सचिन पायलट…. आखिर किस वजह से नहीं बन पाए राजस्थान के CM

जयपुर: राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक है। इसके साथ ही राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी देखने को मिल रही है। आपको बता दें, सचिन पायलट और अशोक गुट के बीच मनमुटाव बढ़ गया है। इसी तनातनी के चलते राजस्थान में राजनीतिक उथल पुथल तेज हो गई है। सचिन पायलट भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अनशन कर देर रात दिल्ली पहुंचे। वहीं राजस्थानी प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने सचिन के अनशन को लेकर आलाकमान को रिपोर्ट भेजी है। अभी तक पूरे मामले पर आलाकमान की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। खबर है कि पायलट और गहलोत के बीच सुलह कराने के लिए प्रियंका वाड्रा कोई कदम उठा सकती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, पायलट प्रियंका वाड्रा के संपर्क में हैं। इससे पहले भी प्रियंका वाड्रा ने दोनों के बीच सुलह कराई थी।

 

➨ कहां से शुरू हुई तनातनी ?

साल 2008 में राजस्थान में विधानसभा चुनाव हुए और एक बार फिर गहलोत सरकार बनी। 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान सचिन पायलट ने अजमेर लोकसभा का चुनाव लड़ा और उन्हें मनमोहन सिंह की सरकार में राज्य मंत्री नियुक्त किया गया। यहीं से गहलोत और पायलट के बीच मतभेद बढ़ने लगे। जाने के बावजूद, 2013 में गहलोत ने सचिन को सुझाव दिया कि उन्हें अजमेर सीट से भाग जाना चाहिए।

➨ भरोसे के बाद भी कांग्रेस ने नहीं दिया CM पद

बता दें, सचिन पायलट को राजस्थान में कांग्रेस का भावी नेता माना जा रहा है। पूरे राज्य में पायलट जितना लोकप्रिय कोई दूसरा नेता नहीं है। लेकिन दूसरा सच यह है कि साल 2020 के मध्य में हुई तमाम बगावतों का खामियाजा पायलट को ही भुगतना पड़ा है। बगावत के चलते पायलट पार्टी में कई विधायकों का समर्थन हासिल नहीं कर पाए। हिमाचल की तरह राजस्थान विधानसभा के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन होता है। इस बार सत्ता परिवर्तन का पांच साल का ट्रेंड बीजेपी के लिए राहत लेकर आ सकता है।

 

➨ इस बार वार या पार

पायलट पूर्व CM वसुंधरा राजे के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग कर रहे है। साथ ही उनकी मांग है कि बीजेपी को गहलोत सरकार के साथ कठघरे में खड़ा करना चाहिए। इस मामले में मंगलवार को पायलट ने एक दिन का अनशन भी रखा था। सचिन पायलट का कहना है कि अशोक गहलोत की सरकार में भ्रष्टाचार के मुद्दों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। 4 बजने के बाद उनका धरना प्रदर्शन खत्म हो चुका है। अब खबर है कि CM गहलोत भी अनशन खत्म होने के बाद अपने घर पहुंच चुके है। इसके बाद उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से मुलाकात भी की।

 

 

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Amisha Singh

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