Sabrimala Temple Gate Opening: बुधवार को केरल के सबरीमाला मंदिर के कपाट सभी आयु की महिलाओं के लिए खोल दिए गए थे, जिसके बाद शुक्रवार को रेहाना फातिमा और मैरी स्वीटी ने मंदिर में घुसने की कोशिश की थी. लेकिन प्रदर्शनकारियों के भारी विरोध प्रदर्शन के कारण वे मंदिर में घुस नहीं पाईं. उन्हें पुलिस सुरक्षा में मंदिर की ओर ले जाया जा रहा था. बाद में उन्हें वापस लौटने को मजबूर होना पड़ा.
कोच्चि/तिरुअनंतपुरम. Sabrimala Temple Gate Opening: सबरीमाला मंदिर में घुसने की कोशिश करने वाली रेहाना फातिमा और मैरी स्वीटी के घर में शुक्रवार को तोड़फोड़ की गई. रेहाना सन्नीधनम के नदापत्थल और स्वीटी पंबा तक पहुंच गई थीं. पुलिस ने बताया, एर्नाकुलम के पनमपिल्ली नगर के एक अपार्टमेंट में रहने वाली रेहाना के घर पर सुबह करीब 9 बजे अज्ञात लोगों ने तोड़फोड़ की. वह बीएसएनएल में काम करती हैं. बदमाशों ने उनके घर की खिड़कियां, दो कुर्सियां, गैस सिलिंडर, बेड शीट्स, जिम के सामान तोड़ दिए.
पुलिस ने कहा कि वह सीसीटीवी के जरिए आरोपियों को पहचानने में जुटी है. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विरोध मार्च भी निकाला. BSNL क्वाटर्स रेजिडेंट्स असोसिएशन की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. दूसरी ओर कजहाकूट्टम में मैरी के घर और मुरुक्कमपुजा में प्रॉपर्टी पर हमला किया गया. यहां दो अज्ञात लोगों ने घर पर पत्थर फेंके, जिसमें उनके शीशे टूट गए.
इसके अलावा केरल के कोट्टायम जिले के पूंजर इलाके के विधायक पीसी जॉर्ज ने रेहाना फातिमा की गिरफ्तार की मांग की है. उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सौहार्द बिगाड़ने को लेकर काम करने के लिए उन पर आईपीसी की धारा 153 (A) के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
वहीं शुक्रवार को हैदराबाद की पत्रकार कविता ने अपने चार सहयोगियों और फातिमा के साथ सुबह 10.50 बजे पंबा पहाड़ी से उतरना शुरू किया था. इनकी अगुआई केरल के आईजी के श्रीजीत ने की. लेकिन जैसे ही यह खबर प्रदर्शनकारियों को लगी तो हजारों की तादाद में लोग सड़क पर लेट गए. मंदिर के तंत्री के करीब 30 लोग अपना अनुष्ठान छोड़कर प्रदर्शन में शामिल हो गए. वे मंदिर की सीढ़ियों पर बैठ गए और भगवान अयप्पा के मंत्र जपने लगे.
क्यों मचा है सबरीमाला में हो-हल्ला: 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सबरीमाला मंदिर का दरवाजा सभी आयु वर्ग की महिलाओं के लिए खोला जाएगा. कोर्ट ने फैसले में 10 से 50 साल की उम्र वाली सभी महिलाओं को मंदिर में एंट्री की मंजूरी दी थी. लेकिन प्रदर्शन कर रहे लोग रजस्वला उम्र की महिलाओं के मंदिर में घुसने का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि सबरीमाला मंदिर भगवान अयप्पा का है, जो ब्रह्मचारी हैं. इस आयु की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश से अनर्थ हो सकता है. बुधवार (17 अक्टूबर) को मंदिर के कपाट पहली बार महिलाओं के लिए खोले गए थे, लेकिन अब तक 10-50 वर्ष की आयु वाली कोई महिला मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई है.