महाराष्ट्र। गोवा के सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रोहन खौंते ने शनिवार को बच्चों को पुरस्कार या उपहार के रूप में स्मार्टफोन देना, बंद करने की अपील की. मंत्री ने कहा कि बच्चों के माता-पिता उन्हें इस बात से अवगत कराएं कि यह एकमात्र ऐसा गैजेट है जिसका उपयोग स्कूल के लिए कोरोना महामारी के दौरान […]
महाराष्ट्र। गोवा के सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रोहन खौंते ने शनिवार को बच्चों को पुरस्कार या उपहार के रूप में स्मार्टफोन देना, बंद करने की अपील की. मंत्री ने कहा कि बच्चों के माता-पिता उन्हें इस बात से अवगत कराएं कि यह एकमात्र ऐसा गैजेट है जिसका उपयोग स्कूल के लिए कोरोना महामारी के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों के कारण किया गया था.
सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि महामारी के कारण बच्चों को स्मार्टफोन सौंपना अभिभावकों की मजबूरी हो गई है ताकि वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें, लेकिन अब ये अभिभावक चिंतित हैं कि उनके बच्चों का अधिकांश समय अब स्मार्टफोन के साथ गुजर रहा है.
उन्होंने कहा कि बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए काम कर रहे राष्ट्रीय आयोग ने हाल ही में एक सर्वेक्षण किया था. इससे पता चला कि बच्चे मोबाइल फोन के कितने आदी हो गए हैं. मंत्री ने यह भी कहा कि समय आ गया है, माता-पिता अपने बच्चों को इन गैजेट्स से दूर ले जा सकते हैं क्योंकि स्कूल खुल गए हैं और बच्चे आने लगे हैं. मंत्री ने कहा, अच्छा होगा कि बच्चे अपने पुराने दिनों की तरह स्कूल में भी पढ़ें और खेलकूद भी शुरू करें.
इंटरनेट और मोबाइल की आदत को साइलेंट किलर बताते हुए कहा कि इससे शारीरिक और सामाजिक गतिविधियां रुक जाती हैं. वहीं बच्चों का सामान्य सामाजिक जगत भी पूरी तरह से प्रभावित हुआ है. सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा, “ऑनलाइन और पारंपरिक शिक्षा के बीच एक स्वस्थ संतुलन होना चाहिए ताकि हम दोनों का लाभ उठा सकें. उन्होंने यह भी कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ बच्चों में भावनात्मक विकास भी जरूरी है, इसलिए बच्चों को अच्छे काम के बदले में स्मार्टफोन जैसे गैजेट देने से बचना चाहिए.
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