Robert Vadra Land Scam Case: राजस्थान के बीकानेर जमीन घोटाला मामले में ईडी बुधवार को फिर रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ करेगा. मंगलवार को उनसे 9 घंटे और उनकी मांग मौरीन वाड्रा से डेढ़ घंटे पूछताछ की गई थी. कांग्रेस नेता और उनकी पत्नी प्रियंका गांधी खुद उन्हें ईडी दफ्तर छोड़ने आईं थीं.
जयपुर. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा से बीकानेर जिले के कथित जमीन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) बुधवार को फिर पूछताछ करेगा. वाड्रा ईडी दफ्तर पहुंच चुके हैं. ईडी ने मंगलवार को वाड्रा से 9 घंटे पूछताछ की थी. वहीं उनकी मां मौरीन वाड्रा को सिर्फ डेढ़ घंटे की पूछताछ के बाद जाने दिया गया. सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में मौरीन ने कहा था कि उन्हें स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्रा. लि के कामकाज और बीकानेर जमीन सौदे के बारे में कोई जानकारी नहीं है. पूछताछ से पहले वाड्रा ने सरकार पर अपनी बुजुर्ग मां को परेशान करने का आरोप लगाया था.
सूत्रों के मुताबिक प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है. लिहाजा वाड्रा के जवाब से असंतुष्ट ईडी अफसरों ने उन्हें बुधवार को फिर पूछताछ के लिए बुलाया. जब मंगलवार को वाड्रा ईडी दफ्तर पहुंचे और रात को निकले तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए. कड़ी सुरक्षा के बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अपने पति और सास को ईडी दफ्तर छोड़ने आई थीं. प्रियंका 4 दिनों के यूपी दौरे पर हैं. वाड्रा के वकील सुमन ज्योति ने कहा था, ”पूछताछ 9 घंटे चली. उन्होंने सभी सवालों के जवाब दिए.”
क्या है मामला: बीकानेर का कोलायत भूमि घोटाला जमीन हड़पने का मामला है, जिसमें राज्य सरकार के अधिकारियों की मिलीभगत से जालसाजों को फर्जी लोगों के नाम पर जमीन आवंटित की गई. ये जमीन उन लोगों के लिए थी जो महाजन फील्ड फायरिंग रेंज (एमएफएफआर) बनने के कारण विस्थापित किए गए थे. जिन लोगों के नाम पर जमीन आवंटित की गई, वे थे ही नहीं.
ईडी के मुताबिक साल 2005-06 में इस घोटाले में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी सहित अन्य सरकारी अफसरों ने मिलकर जमीन अपने नाम कराकर बेचनी शुरू की. वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट ने पहले 150 बीघा और फिर 125 बीघा जमीन खरीदी. मामले का पता साल 2010 में चला लेकिन कांग्रेस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. ईडी के मुताबिक स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 72 लाख रुपये में 69.55 हेक्टेयर की जमीन खरीदी, जिसे 5.15 करोड़ रुपये में तीन साल बाद बेच दिया गया. इससे कंपनी को 4.43 करोड़ रुपये का फायदा हुआ.