हार की हैट्रिक के बाद क्या खतौली में मदन भैया दिखा पाएंगे कमाल

खतौली। मुजफ्फरनगर जनपद की खतौली विधानसभा सीट पर उप चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं रालोद और सपा ने यहाँ से मदन भैया को मैदान में उतारकर यहाँ सियासी पारा बढ़ा दिया है. गुर्जर प्रत्याशी पर दांव खेलते हुए बागपत की खेकड़ा सीट से तीन बार के पूर्व विधायक बहुचर्चित मदन भैया को रालोद […]

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हार की हैट्रिक के बाद क्या खतौली में मदन भैया दिखा पाएंगे कमाल

Aanchal Pandey

  • November 14, 2022 5:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

खतौली। मुजफ्फरनगर जनपद की खतौली विधानसभा सीट पर उप चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं रालोद और सपा ने यहाँ से मदन भैया को मैदान में उतारकर यहाँ सियासी पारा बढ़ा दिया है. गुर्जर प्रत्याशी पर दांव खेलते हुए बागपत की खेकड़ा सीट से तीन बार के पूर्व विधायक बहुचर्चित मदन भैया को रालोद ने मदन भैया पर दांव चला है.

रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह ने रविवार को जिले में पीपलहेड़ा, तिसंग और मंसूरपुर गांव में जनसभाएं की इन तीनों ही जनसभाओं के दौरान जयंत चौधरी के साथ मदन भैया भी मंच पर नज़र आए, ऐसे में दिनभर सियासी अटकलें लगाई जा रही थी और अंत में जनसभाओं के कुछ घंटे बाद ही रालोद के ट्विटर से पूर्व विधायक मदन भैया को उप चुनाव में प्रत्याशी बनाए जाने का एलान कर दिया गया, इससे पहले मदन भैया मुख्य चुनाव लोनी सीट से लड़े थे, लेकिन तब उन्हें सफलता नहीं मिल पाई थी, इस बार रालोद जिलाध्यक्ष संदीप मलिक ने उनके प्रत्याशी बनाए जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि टिकट की घोषणा कर दी गई है. सपा-रालोद गठबंधन अब पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ने वाली है.

सपा का गुर्जर दांव

रालोद ने खतौली के उप चुनाव में पूर्व विधायक मदन भैया को मैदान में उतारकर पश्चिम यूपी में गुर्जरों को साधने की कोशिश की है, वहीं परिसीमन के कारण खेकड़ा विधानसभा का वजूद अब पूरी तरह खत्म हो गया है, दूसरी ओर लोनी में एक के बाद एक तीन हार के बाद मदन भैया भी नई सियासी जमीन की तलाश में थे, ऐसे में उपचुनाव का मौका बना तो रालोद ने मौके पर चौका मारते हुए उन्हें टिकट थमा दिया. अब देखने वाली बात यह होगी कि वह खतौली में कितना दमखम दिखा पाते हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत के बहुचर्चित चेहरों में मदन भैया का नाम शामिल है, बागपत की खेकड़ा विधानसभा सीट से वह चार बार विधायक रह चुके हैं. साल 2012 में परिसीमन हुआ तो खेकड़ा सीट का वजूद ही खत्म हो गया, इसके बाद अपनी सियासत को संवारने के लिए मदन भैया ने गाजियाबाद की लोनी सीट से 2012, 2017 और 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन यहाँ उन्हें सफलता नहीं मिल पाई.

 

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