Justice CS karnan To Contest UP Varanasi: कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस सीएस कर्णन ने एलान किया है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. हालांकि, इससे पहले वे चेन्नई सेंट्रल से भी नामांकन दाखिल कर चुके हैं. ऐसे में वाराणसी उनका दूसरा निर्वाचन क्षेत्र होगा.
लखनऊ: जज रहते हुए 7 हफ्तों तक फरार और फरार रहते हुए ही रिटायर होने का अजीबोगरीब रिकॉर्ड बनाने वाले कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस सीएस कर्णन ने एलान किया है कि वो वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. 63 साल के रिटायर्ड जस्टिस सी एस कर्णन ने खुद एलान किया है कि वो पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. हालांकि चेन्नई सेंट्रल से भी वो नामांकन दाखिल कर चुके हैं और वाराणसी उनका दूसरा निर्वाचन क्षेत्र होगा.
जस्टिस कर्णन के इतिहास पर नजर डालें तो उनका पिछला रिकॉर्ड काफी विवादित रहा है. सुप्रीम कोर्ट के सात जजों के अलावा देश के 20 जजों पर जातिवाद और भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले पूर्व जस्टिस कर्णन को जब अदालत की अवमानना के आरोपी के तौर पर सजा सुनाई गई तो वो फरार हो गए और फिर सात हफ्ते बाद सरेंडर करते हुए सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका डाली. जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने उनकी जमानत याचिका ठुकराने वाले जजों पर जातिवाद का आरोप लगा दिया. अपने कार्यकाल के दौरान पूर्व जस्टिस कर्णन सुप्रीम कोर्ट के सात जजों को जेल की सजा सुना चुके हैं.
पू्र्व जस्टिस कर्णन का पूरा कार्यकाल विवादों से भरा रहा है. वो अक्सर यही दलील देते थे कि वो दलित हैं इसलिए बाकी जज उनके साथ भेदभाव करते हैं. अपने खिलाफ किसी भी तरह की शिकायत का उनके पास एक ही जवाब था कि वो दलित हैं इसलिए उनके साथ ऐसा किया जा रहा है. अक्सर उन्होंने अपने साथी जजों पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया है और अब पूर्व जस्टिस कर्णन खुद पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे हैं.
देखना दिलचस्प होगा कि पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ जस्टिस कर्णन क्या बोलते हैं और अगर वो कुछ बोलते हैं तो क्या पीएम मोदी उन आरोपों का अपनी सभाओं में जवाब देते हैं या नहीं.