RBI के संकटमोचक हैं ये 84 साल के CA, अब सुलझाएंगे निरव मोदी घोटाला केस

सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे बड़े बैंक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में बीते 14 फरवरी को 11,300 करोड़ रुपये के महाघोटाले की खबर ने सभी के होश उड़ा दिए थे. हीरा कारोबारी निरव मोदी इस घोटाले का मास्टरमाइंड निकला. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अभी तक निरव मोदी की हजारों करोड़ों की चल-अचल संपत्ति जब्त कर चुका है. अब इस घोटाले की जांच के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 84 साल के चार्टेड अकाउंटेंट (सीए) येज्दी हिरजी मालेगम की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है. मालेगम की अगुवाई वाली इस कमेटी का काम संभावित धोखाधड़ी के खतरों को पहचानने के अलावा बैंकों के नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) को देखना होगा.

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RBI के संकटमोचक हैं ये 84 साल के CA, अब सुलझाएंगे निरव मोदी घोटाला केस

Aanchal Pandey

  • February 26, 2018 5:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे बड़े बैंक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में बीते 14 फरवरी को 11,300 करोड़ रुपये के महाघोटाले की खबर ने सभी के होश उड़ा दिए थे. हीरा कारोबारी निरव मोदी इस घोटाले का मास्टरमाइंड निकला. निरव मोदी देश छोड़कर जा चुका है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अभी तक निरव मोदी की हजारों करोड़ों की चल-अचल संपत्ति जब्त कर चुका है. अब इस घोटाले की जांच के लिए केंद्रीय रिजर्व बैंक ने 84 साल के चार्टेड अकाउंटेंट (सीए) येज्दी हिरजी मालेगम की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है. मालेगम की अगुवाई वाली इस कमेटी का काम संभावित धोखाधड़ी के खतरों को पहचानने के अलावा बैंकों के नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) को देखना होगा.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2016 तक मालेगम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) बोर्ड के सदस्य रह चुके हैं. उन्होंने काफी लंबे समय तक आरबीआई में अपनी सेवाएं दी हैं. आरबीआई के सेंट्रल बोर्ड से निकलने के बाद वह भारतीय रिजर्व बैंक के नोट मुद्रण लिमिटेड के डायरेक्टर रहे. आरबीआई के संकटमोचक, रक्षक कहे जाने वाले मालेगम के बारे में एक बार पूर्व गवर्नर एम नरसिम्हन ने कहा था, ‘जब भी देश के सामने कोई बड़ा संकट आता है तो उसके लिए कमेटी बनाई जाती है. आरबीआई इससे अछूता नहीं है, लेकिन यहां थोड़ा फर्क है. जब भी बैंकिंग क्षेत्र में कोई बड़ा संकट आता है तो आरबीआई मालेगम की अध्यक्षता में कमेटी गठित करता है.’

बताते चलें कि मालेगम CARE नामक रेटिंग एजेंसी के रेटिंग्स कमेटी के प्रमुख रह चुके हैं. यह एजेंसी गीतांजलि जेम्स और निरव मोदी ग्रुप की फर्म्स की ओर से जारी किए गए कुछ पेपर्स की रेटिंग भी कर चुकी है. मालेगम बैंक रेग्युलेटर आरबीआई की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने के समर्थक नहीं रहे हैं. गौरतलब है कि येज्दी हिरजी मालेगम का आर्थिक क्षेत्र में काम करने का लंबा अनुभव है लेकिन उनके ऐसे कई पदों पर रहना हितों के टकराव का भी मामला है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि मालेगम निरव मोदी केस में क्या आरबीआई की उम्मीदों पर खरे उतर पाएंगे.

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