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Morbi Bridge Collapse: 5 दिन बाद मोरबी पुल हादसे का रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ खत्म, सभी शव बरामद

मोरबी: गुजरात के मोरबी शहर में मच्छु नदी पर हुए दर्दनाक पुल हादसे में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को अब बंद कर दिया गया है। 5 दिनों तक चले इस तलाशी अभियान को बंद करने की घोषणा राज्य आपदा आयुक्त हर्षद पटेल ने की। उन्होंने एक दिन पहले यानी गुरुवार को मोरबी का दौरा किया […]

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Morbi Bridge Collapse: 5 दिन बाद मोरबी पुल हादसे का रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ खत्म, सभी शव बरामद
  • November 4, 2022 10:30 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

मोरबी: गुजरात के मोरबी शहर में मच्छु नदी पर हुए दर्दनाक पुल हादसे में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को अब बंद कर दिया गया है। 5 दिनों तक चले इस तलाशी अभियान को बंद करने की घोषणा राज्य आपदा आयुक्त हर्षद पटेल ने की। उन्होंने एक दिन पहले यानी गुरुवार को मोरबी का दौरा किया और जांच अभियान के बंद होने की घोषणा की।

हादसे में कुल 135 लोगों की मौत

बता दें कि पांच दिन पहले यानी रविवार को गुजरात के मोरबी शहर के में मच्छु नदी के उपर एक केबल पुल टूट जाने की वजह से बहुत ही दर्दनाक हादसा हो गया था। इस हादसे में कुल 135 लोगों की मौत हो गई है।

अभी भी वहां बरती जाएगी सावधानी

सर्च ऑपरेशन बंद होने के बाद एहतियात के दौर पर स्थानीय दमकल विभाग, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 1-1 टीम को हादसे की स्थल पर तैनात कर दिया गया है और अगले आदेश तक वहीं रहने को कहा गया है।

मरम्मत होती तो नहीं होता हादसा

डीएसपी जाला ने गिरफ्तार किए गए 9 लोगों में से चार की 10 दिन की रिमांड मांगते हुए कोर्ट में कहा कि पुल पर कितने लोग मौजूद हों, इस क्षमता को निर्धारित किए बगैर और बिना सरकारी मंजूरी के पुल को 26 अक्टूबर को खोल दिया गया। पुल तारों पर था और उसकी कोई ऑयलिंग या ग्रीसिंग नहीं की गई थी। जहां से पुल का तार टूटा वे जंग खाए हुए थे, अगर तारों की मरम्मत की जाती तो शायद हादसा नहीं होता।

आरोपियों का केस नहीं लड़ेंगे वकील

गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। इस दर्दनाक हादसे में मरने वालों की कुल संख्या 135 हो गई है। इस मामले में 9 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इस मामले में बार एसोसियशन ने बड़ा फैसला लिया था। एसोसिएशन ने प्रस्ताव पास कर आरोपियों का केस नहीं लड़ने का फैसला किया था।

बता दें कि मोरबी बार एसोसिएशन और राजकोट बार एसोसिशन ने आरोपियों का प्रतिनिधत्व नहीं करने का फैसला किया था। दोनों बार एसोसियशनों ने सर्वसम्मति से यह फैसला किया था।

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