लखनऊ. लखीमपुर में दलित बहनों के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या का मामला इस समय सुर्ख़ियों में बना हुआ है, इस मामले में अब राजनीति भी शुरू हो गई है. विपक्ष इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर है, वहीं अब लड़कियों के परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है. उन्होंने […]
लखनऊ. लखीमपुर में दलित बहनों के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या का मामला इस समय सुर्ख़ियों में बना हुआ है, इस मामले में अब राजनीति भी शुरू हो गई है. विपक्ष इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर है, वहीं अब लड़कियों के परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है. उन्होंने अंतिम संस्कार के लिए तीन शर्तें रखी हैं और उनका कहना है कि जब ये शर्तें पूरी होंगी तभी वो अंतिम संस्कार करेंगे.
इस मामले पर परिजनों ने अंतिम संस्कार करने के लिए तीन शर्तें रखी हैं, उनकी पहली शर्त है कि पीड़ित परिवार को 1 करोड़ रुपए का मुआवजा सरकार की और से दिया जाए. साथ ही मृतक के परिजनों के बेटे को उसकी योग्यता के मुताबिक सरकारी नौकरी दी जाए और इस मामले में शामिल सभी आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई जाए. दरअसल, बीते दिन लखीमपुर में दो नाबालिग दलित सगी बहनों का शव गन्ने के खेत में पेड़ पर लटकता मिला था जिसके बाद से ही हड़कंप मच गया है, बता दें खेत में काम पर जा रहे ग्रामीणों ने सबसे पहले दोनों लड़कियों के शव को देखा था, जिसके बाद ग्रामीणों ने आनन-फानन में इस घटना की सूचना लड़कियों को परिजनों और पुलिस को दी थी.
इस मामले में अब सियासत होने लगी है, विपक्ष इस मामले को लगातार सरकार पर हमलावर है, इसी कड़ी में कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने लखीमपुर खीरी मामले में ट्वीट कर लिखा है कि ये घटना विचलित करने वाली है. उन्होंने कहा कि बलाल्कारियों को रिहा करवाने और फिर उनका सम्मान करने वाले लोगों से महिला सुरक्षा की उम्मीद नहीं की जा सकती है. राहुल ने आगे लिखा कि हमें अपनी बहनों-बच्चियों के लिए देश में एक सुरक्षित माहौल बनाना होगा.
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