जयपुर : कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव की हलचल के बीच ही राजस्थान की राजनीति में भी हलचल देखने को मिल रही है. जहां बीते दिनों बागी हुए गहलोत गुट के विधायकों ने पार्टी पर आरोप लगाया था कि बिना भरोसे में लिए सचिन पायलट को सीएम पद सौंपा जा रहा है. ऐसा पायलट गुट […]
जयपुर : कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव की हलचल के बीच ही राजस्थान की राजनीति में भी हलचल देखने को मिल रही है. जहां बीते दिनों बागी हुए गहलोत गुट के विधायकों ने पार्टी पर आरोप लगाया था कि बिना भरोसे में लिए सचिन पायलट को सीएम पद सौंपा जा रहा है. ऐसा पायलट गुट के दो वर्ष पहले की गई बगावत को लेकर कहा जा रहा था. अब बागी विधायकों का एक और नया फैसला सामने आ गया है.
गहलोत गुट के बागी विधायकों एक बार फिर हाईकमान को चुनौती देते नज़र आ रहे हैं. जानकारी के अनुसार विधायकों की ओर से एक अल्टीमेटम जारी किया गया है. इस अल्टीमेटम में विधायकों ने अपना इस्तीफ़ा वापस ना लेने की बात कही है. दरअसल विधायकों का कहना है कि जब तक दिल्ली से अशोक गहलोत के सीएम पद पर बने रहने का ऐलान नहीं होता है तब तक वह सभी अपना इस्तीफा वापस नहीं लेंगे. इस फैसले के पीछे ये माना जा रहा है कि यदि कांग्रेस हाईकमान गहलोत के खिलाफ फैसला लगा तो राजस्थान में कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ जाएगी.
बताते चलें कि कांग्रेस में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अध्यक्ष बनाने के बारे में विचार किया जा रहा था. इस दौरान उनके सीएम पद के लिए जो नाम आगे आ रहा था वो पूर्व उपमुखयमंत्री सचिन पायलट का था. इसी कड़ी में पार्टी आलाकमान ने मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को जयपुर भेजा था. दोनों ऑब्जर्वर द्वारा विधायक दल की बैठक की जानी थी. इसी बैठक से पहले गहलोत समर्थक विधायकों ने मंत्री शांति धारीवाल के घर एकत्रित होकर सामूहिक इस्तीफे पर हस्ताक्षर कर दिए. जिससे राजस्थान की राजनीति में तूफ़ान आ गया.
बहरहाल गहलोत अध्यक्ष चुनाव कि रेस से बाहर हो गए हैं. अब चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस सांसद शशि थरूर और झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी अध्यक्ष पद कि रेस में रहेंगे। इसी बीच बागी विधायकों का ये नया अल्टीमेटम सामने आया है.
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