Reactions on HC decision on Hijab Row बेंगलुरु, बीते दो महीने से देश में हिजाब पर विवाद चल रहा है, अब कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने की इजाजत मांगने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की आवश्यक प्रथा का हिस्सा […]
बेंगलुरु, बीते दो महीने से देश में हिजाब पर विवाद चल रहा है, अब कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने की इजाजत मांगने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की आवश्यक प्रथा का हिस्सा नहीं है. हाईकोर्ट के इस फैसले पर महबूबा मुफ़्ती, असदुद्दीन ओवैसी समेत कई नेताओं ने सवाल उठाए (Reactions on HC decision on Hijab Row) हैं.
हिजाब पर हाई कोर्ट के फैसले पर अपनी असहमति जताते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अब लड़कियों से उनके पसंद के कपड़े पहनने की भी आज़ादी छीन ली गई है, सड़कों पर किस तरह से मवाली लड़के लड़कियों के पीछे पड़ जाते हैं और वहां की सरकारें तमाशबीन बन सब देखती रहती हैं. ये बहुत ही गलत बात है, हर इंसान, औरत और बच्ची को ये हक होना चाहिए कि वो क्या कपड़े पहने और क्या नहीं, इसका फैसला वे खुद करें न की अदालत.
ओवैसी और महबूबा मुफ़्ती के बाद शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया ने भी हाईकोर्ट के इस फैसले पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा, कोर्ट की यह बात सुनकर बहुत अजीब लग रहा है कि हिजाब इस्लाम का हिस्सा नहीं है. सुमैया ने कुरान की आयत नंबर 33 पढ़कर बताया कि इसमें अल्लाह की तरफ से कहा गया है कि जब भी बेटियां घर से निकलें, अपने तन को पूरी तरह ढक के निकले, ये कुरान का खाना है, हालांकि कुरान में किसी भी बात के लिए किसी के साथ ज़ोर जबरदस्ती नहीं की गई है, लेकिन अपने पसंद के कपड़े पहनने का हक सभी को होना चाहिए. उन्होंने आगे हाईकोर्ट से इस फैसले पर फिर से सोचने की अपील की है.