नई दिल्ली: आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या के बारे में सारा डेटा इंटरनेट पर मौजूद है, ये कोई नया सर्वे नहीं है। उन्होंने कहा कि जब देश में चुनाव हो रहा है तो जानबूझकर हिंदू-मुस्लिम करने के लिए ये डाटा सार्वजनिक किया गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि असलियत तो ये है कि 1992 में सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हर एक औरत एवरेज 4.4 बच्चे पैदा करती थी, जो कि 2015 में घटकर 2.6 हो गया।
राशिद अल्वी ने कहा कि हिंदू औरत 1992 में औसत 3.3 बच्चे पैदा करती थीं, जो 2015 में घटकर 2.1 हो गई, यानी कि 0.5 प्रतिशत का अंतर है। उन्होंने कहा कि यह मसला हिंदू मुसलमान का नहीं है। पूरे देश में एक सर्वे करा लीजिए, गरीब लोगों के ज्यादा बच्चे होते हैं। जो पढ़-लिख जाते हैं, उनके बच्चों की संख्या कम हो जाती है इसलिए यह हिंदू-मुस्लिम की मसला नहीं है। पीएम मोदी को अगर जनसंख्या वृद्धि की इतनी ही फिक्र थी तो 10 वर्ष उनकी सरकार है, उन्होंने इससे संबंधित कोई कानून क्यों नहीं बनाया, क्योंकि, हर चुनाव में उन्हें इसे मुद्दा बनाना है।
गौरतलब हैं कि आर्थिक सलाहकार परिषद की ओर से जारी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि 1950 से 2015 के बीच भारत में हिंदुओं की आबादी 7.82 फीसदी गिरावट आई है। वहीं, मुसलमानों की आबादी में 43.15 फीसदी की इजाफा हुआ है। रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि नेपाल में भी हिंदुओं की जनसंख्या में कमी आई है।
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