भगवान श्रीराम के भव्य और दिव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को संपन्न हुई थी, लेकिन इस बार वर्षगांठ 11 जनवरी को मनाया जाएगा। यहां पढ़ें इसके पीछे का कारण क्या है।
नई दिल्ली। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को पलक झपकते ही एक साल होने वाला है। रामनगरी अयोध्या में एक बार फिर जश्न की तैयारियां शुरू हो गई हैं। राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ का मौका आ रहा है। अवधपुरी में एक साल पहले 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी।, लेकिन इस साल 11 जनवरी को वर्षगांठ मनाई जा रही है।
ज्यादातर लोगों के मन में यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर 11 जनवरी को ही प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ क्यों मनाई जाएगी? इसका कारण भारतीय काल गणना यानी हमारा पंचांग है। पंचांग के अनुसार पिछले साल 22 जनवरी 2024 को पौष शुक्ल द्वादशी की तिथि ही थी जब मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी, लेकिन इस साल पौष शुक्ल द्वादशी की तिथि 22 जनवरी को न पड़कर 11 जनवरी को पड़ रही है। इसलिए प्राण प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूरे होने पर अवधपुरी में पौष शुक्ल द्वादशी को ‘प्रतिष्ठा द्वादशी उत्सव’ मनाया जाएगा। यह उत्सव 11 जनवरी से शुरू होकर 13 जनवरी तक चलेगा। मंदिर ट्रस्ट की ओर से देश-विदेश से साधु-संतों को आमंत्रित किया जा रहा है। समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को आमंत्रित किया गया है।
11 जनवरी को सुबह 10 बजे सीएम योगी आदित्यनाथ रामलला का अभिषेक और पूजन करेंगे। इस दौरान अयोध्या में रामलीला मंचन समेत कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। तीन दिवसीय समारोह के लिए ‘मंदिर ट्रस्ट’ की ओर से सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। उन लोगों को भी निमंत्रण भेजा जा रहा है जो पिछले साल ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में शामिल नहीं हो पाए थे।
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