लखनऊ, धर्म नगरी अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में चल रहे राम मंदिर निर्माण कार्य के 2 वर्ष पूरे हो गए हैं, ऐसे में सभी के मन में ये सवाल उठ रहा है कि आखिर राम मंदिर का निर्माण कार्य कहाँ तक पहुंचा है और कब इसके दर्शन करने को मिलेंगे.

जल्द तैयार होगा मंदिर

बता दें कि 5 अगस्त 2020 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धर्म नगरी अयोध्या में रामलला का दर्शन कर अपने हाथों से राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था, इसी के बाद से ही राम मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है. दुनिया भर के राम भक्तों की आस्था का केंद्र इस ऐतिहासिक मंदिर को मजबूत बनाने के लिए जमीन तल से नीचे 50 फीट तक कंक्रीट की एक चट्टान बनाई गई है जिसके ऊपर रामलला का मंदिर तैयार किया जा रहा है.

विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए जमीन के निचले स्तर पर निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है और अब मंदिर के तीन तरफ दीवारों का निर्माण किया जा रहा है. वहीं, इसके अलावा बंसी पहाड़पुर के पत्थरों से मंदिर का निर्माण किया जाना है. प्लेटफार्म और दीवार का काम पूरा होते ही रामलला का भव्य मंदिर आकार लेने लगेगा. शरद शर्मा का कहना है कि अगर सब कुछ ऐसे ही योजनाबद्ध रूप से चलता रहा तो 2 नवंबर 2022 से पत्थरों को प्लेटफार्म पर खड़ा कर मंदिर को आकार देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

2023 तक पूरा हो जाएगा गर्भगृह

अब तक राम मंदिर निर्माण में फ्लिंच का काम तीन चौथाई पूरा हो चुका है. यहां के ट्रस्ट के हिसाब से जो काम सितंबर के महीने में पूरा होना था, वो अगस्त के महीने में ही हो चुका है यानी कार्य बहुत ही तेजी से हो रहा है. माना जा रहा है कि 23 दिसंबर 2023 तक गर्भगृह का कार्य पूरा हो जाएगा.

उम्मीद है कि गर्भगृह के निर्माण के बाद से दिसंबर 2023 से भगवान राम के दर्शन का काम भी शुरू हो जाएगा, वहीं पत्थरों की आपूर्ति का काम तकरीबन पूरा हो गया है ओर मंदिर निर्माण के चार चरण पूरे हो चुके हैं. इसमें पांचवें और कुछ जगह छठी लेयर का काम चल रहा है यानी फ्लिंच का तकरीबन 90 फीसदी काम हो चुका है.

 

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