साल 2024 इसलिए भी याद किया जाएगा कि विपक्ष ने योगी के विजय रथ को रोक दिया। हालांकि लोकसभा चुनाव में फजीहत होने के बाद बीजेपी विधानसभा के सीटों पर हुए उपचुनाव में ठीक-ठाक प्रदर्शन करने में कामयाब रही।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति ने साल 2024 में सबको चौंका दिया। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा से शुरू हुआ साल अंत होते-होते तक मस्जिदों की खुदाई पर जाकर खत्म हो रहा है। इस साल यूपी में पीएम मोदी के 400 पार नारे को चकनाचूर कर दिया लेकिन बाद में योगी के बटेंगे तो कटेंगे के नारे भी खूब चले। राम मंदिर80-90 के दशक से ही देश की राजनीति को दिशा-दशा प्रभावित करता रहा है।कई सरकार के आने-जाने के बाद आख़िरकार मंदिर बनकर तैयार हो गया और रामलला अपने गर्भगृह में विराजमान हो गए।
राम मंदिर के निर्माण के बाद बीजेपी अतिउत्साहित थी। लोकसभा चुनाव में 400 पार के नारे के साथ उतरी लेकिन यूपी ने भगवा नहीं लहराने दिया। बीजेपी को वैसा ही झटका मिला जैसा बाबरी विध्वंस के बाद 1993 विधानसभा चुनाव में मिला था। साल 2024 इसलिए भी याद किया जाएगा कि विपक्ष ने योगी के विजय रथ को रोक दिया। हालांकि लोकसभा चुनाव में फजीहत होने के बाद बीजेपी विधानसभा के सीटों पर हुए उपचुनाव में ठीक-ठाक प्रदर्शन करने में कामयाब रही।
वहीं इस बुलडोजर के दम पर योगी आदित्यनाथ 2022 फतह कर चुके वो 2024 में भी पूरे साल गरजता रहा। 2024 के लोकसभा चुनाव में बुलडोजर नीति सीट नहीं दिला पाई। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसकी रफ़्तार पर ब्रेक लगाने की कोशिश की। सत्तारूढ़ NDA के लिए यह साल कठिन रहा लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजों से सबक सीखकर बीजेपी ने तुरंत अपनी रणनीति चेंज की। इसके बाद हुए अन्य राज्यों के चुनाव में सीएम योगी का एक अलग ही रूप देखने को मिला।
साल 2024 विपक्ष खासकर समाजवादी पार्टी के अच्छी रही। लोकसभा नतीजों से विपक्ष में ऊर्जा देखने को मिली। अखिलेश-राहुल की जोड़ी ने NDA को महज 36 सीटों पर समेट दिया। इसमें सबसे बड़ा झटका अयोध्या की फ़ैजाबाद सीट पर मिला। जहां सपा के अवधेश प्रसाद ने बीजेपी प्रत्याशी को हरा दिया। भाजपा अयोध्या का हार पचा नहीं पा रही, यहीं वजह थी कि उपचुनाव में सीएम योगी ने पूरी तरह से कमर कस लिया था। 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने 7 पर जीत हासिल की।