राम जन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष डॉक्टर रामविलास वेदांती ने दावा किया है कि अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने को लेकर अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन की मध्यस्थता से आपसी सहमति बन गई है. नए फॉर्मूले के तहत अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनेगा और लखनऊ में दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद बनाई जाएगी.
इलाहाबादः राम जन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष डॉक्टर रामविलास वेदांती ने रविवार को दावा किया कि अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने का रास्ता निकल चुका है. अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन की मध्यस्थता से अयोध्या विवाद के पक्षकारों के बीच नए फॉर्मूले पर आपसी सहमति बन गई है. इसके तहत अब अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनेगा और यूपी की राजधानी लखनऊ में दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद बनाई जाएगी. यह मस्जिद बाबर के नाम पर नहीं होगी.
एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को इलाहाबाद में ‘मिशन मोदी अगेंस्ट पीएम’ कार्यक्रम रामविलास वेदांती ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘बीजेपी ने अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने का रास्ता निकाल लिया है. 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा.’ वेदांती ने यह भी दावा किया कि दो अक्टूबर से पहले सुप्रीम कोर्ट में आउट ऑफ कोर्ट सेटेलमेंट होने का हलफनामा दाखिल कर दिया जाएगा. इसी के साथ इस पर शीर्ष अदालत की मुहर भी लगवा ली जाएगी.
उन्होंने आगे कहा कि दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते से अगले महीने रिटायर हो रहे मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा अपने शेष कार्यकाल में ही राम मंदिर विवाद का निपटारा करेंगे. आउट ऑफ कोर्ट सेटेलमेंट के बाद लोकसभा चुनाव से पहले ही राम मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा. देश में अमन-चैन कायम करने की दिशा में अयोध्या में रामलला का भविय मंदिर और लखनऊ में प्रस्तावित मस्जिद का कार्य सभी लोग मिल-जुलकर करेंगे. फिलहाल इस मामले में अभी अयोध्या विवाद के दूसरे पक्ष की ओर से कोई बयान नहीं आया है.