गांधीनगरः 16 राज्यों में 58 राज्यसभा सीटों के लिए 23 मार्च को चुनाव होने वाले हैं. यह चुनाव सत्ताधारी एनडीए के लिए तो काफी अहम है ही लेकिन कांग्रेस भी अपने पत्ते बिछाते हुए चुनावी समीकरणों को साधने में जुटी है. गुजरात में भी 4 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होगा. गुजरात विधानसभा के आंकड़ों के मुताबिक सत्ताधारी बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दो-दो सीटों पर काबिज हो सकती हैं. सोमवार को केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया और पुरुषोत्तम रुपाला ने बीजेपी से राज्यसभा की दो सीटों के लिए नामांकन दाखिल किया. कांग्रेस की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेन भाई राठवा और हाई कोर्ट वकील अमी याज्ञनिक ने नामांकन दाखिल किया है. इस चुनावी खेल में ट्विस्ट तब आ गया जब बीजेपी ने सोमवार को पूर्व विधायक और मंत्री किरीट सिंह राणा को तीसरे प्रत्याशी के तौर पर सामने कर दिया.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अंदरखाने बीजेपी कांग्रेस विधायकों को साधने में जुटी है. बीजेपी को उम्मीद है कि कांग्रेस विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं. यही वजह है कि बीजेपी ने आंकड़ों के इस खेल में अब तीसरे प्रत्याशी को सामने कर दिया है. दरअसल सोमवार को यह ड्रामा तब शुरू हुआ जब कांग्रेसी नेता पीके वलेरा ने निर्दलीय राज्यसभा चुनाव का नामांकन दाखिल किया और कांग्रेस ने उन्हें समर्थन देने का फैसला किया. यह भी अफवाह फैली कि कांग्रेस प्रत्याशी नरेन भाई राठवा के दस्तावेज सही नहीं पाए गए, जिसके बाद पार्टी ने राजीव शुक्ला को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है. हालांकि कुछ वक्त बाद परेश धनानी और शक्ति सिंह गोहिल मीडिया के सामने आए और उन्होंने इस खबर को बेबुनियाद करार दिया. उन्होंने कहा कि नरेन भाई राठवा और अमी याज्ञनिक ही कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार हैं.
जिसके बाद बीजेपी ने भी कांग्रेस की तरह रणनीति तैयार करते हुए आखिरी मौके पर एक और प्रत्याशी किरीट सिंह राणा को चुनावी मैदान में उतार दिया. दोनों ही पार्टियों के नेता 2017 में हुए राज्यसभा चुनाव की तरह इस बार भी किसी बड़े ड्रामे की आशंका जता रहे हैं. दरअसल पिछले साल राज्यसभा की एक सीट पर कांग्रेस ने अहमद पटेल को प्रत्याशी घोषित किया था. इस दौरान कांग्रेस ने हॉर्स ट्रेडिंग (विधायकों की खरीद-फरोख्त) के डर से अपने सभी विधायकों को बेंगलुरु भेज दिया था. अहमद पटेल महज एक वोट से चुनाव जीते और राज्यसभा पहुंचे. नितिन पटेल ने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशियों में से किसी एक का नामांकन रद्द होने की संभावनाओं के चलते और कांग्रेस द्वारा प्रत्याशियों के चयन से विधायकों में पैदा हुए असंतोष के चलते उन्हें उम्मीद है कि उनके विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं.
दूसरी ओर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने कहा कि पिछले साल भी बीजेपी ने उनके विधायकों को तोड़ने की हर संभव कोशिश की थी और इस बार भी वह पूरा प्रयास करेंगे. पिछली बार की तरह वह इस बार भी नाकाम होंगे. सोलंकी ने कहा कि वह दो राज्यसभा सीटें जीतने के लिए पूरी तरह से आश्वस्त हैं. बता दें कि मंगलवार को प्रत्याशियों के पुख्ता होने की तस्वीर साफ हो जाएगी. दरअसल मंगलवार को प्रत्याशियों के नामांकन से जुड़े दस्तावेजों की छानबीन की जाएगी. गौरतलब है कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सीटें 115 से 99 पर पहुंच गईं, वहीं कांग्रेस को 16 सीटों का फायदा हुआ था. गुजरात में वर्तमान में कांग्रेस के 77 विधायक हैं. राज्यसभा भेजे जाने के लिए किसी भी प्रत्याशी को 38 वोट चाहिए होंगे.
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