नई दिल्ली: भाजपा में विद्रोह के बाद अब कांग्रेस पर भी यह ग्रहण लग गया है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 31 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने के एक दिन बाद कांग्रेस को बगावत का सामना करना पड़ रहा है। राजेश जून ने शनिवार को पार्टी छोड़ दी और निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा […]
नई दिल्ली: भाजपा में विद्रोह के बाद अब कांग्रेस पर भी यह ग्रहण लग गया है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 31 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने के एक दिन बाद कांग्रेस को बगावत का सामना करना पड़ रहा है। राजेश जून ने शनिवार को पार्टी छोड़ दी और निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की। पार्टी ने बहादुरगढ़ से उनकी उम्मीदवारी को नजरअंदाज कर दिया था जिसके बाद उन्होंने यह फैसला लिया।
पार्टी ने बहादुरगढ़ सीट से मौजूदा विधायक राजेंद्र सिंह जून को मैदान में उतारा है जबकि राजेश बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से टिकट के दावेदार थे जो झज्जर जिले में है। पार्टी के इस फैसले से नाराज होकर राजेश जून ने कांग्रेस के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है।
राजेश जून का कहना है कि कांग्रेस ने उनके साथ धोखा किया है। उन्हें यूज एंड थ्रो किया गया है। उन्होंने कहा कि 2019 में जब उन्होंने बतौर उम्मीदवार अपना आवेदन वापस लिया था तब भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपेंद्र सिंह हुड्डा और राजेंद्र सिंह जून ने उन्हें 2024 में टिकट और समर्थन देने का वादा किया था, लेकिन अब उनके साथ वादाखिलाफी हुई है। इसलिए अब वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे और राजेंद्र सिंह जून से दोगुने वोट पाकर विधायक भी बनेंगे।
राजेश ने बहादुरगढ़ में संवाददाताओं से कहा, “मैं निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ूंगा।” उन्होंने कहा कि उन्होंने यह फैसला अपने समर्थकों से सलाह-मशविरा करने के बाद लिया है। राजेश ने कहा कि वह 11 सितंबर को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे और उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए अपना चुनाव अभियान शुरू कर दिया है।
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