Ashok Gehlot की चिट्ठी हुई डिकोड, सचिन पायलट को खरी-खरी

नई दिल्ली. अशोक गहलोत अब अध्यक्ष पद की रेस से तो आउट हो चुके हैं, और शायद अब उनके हाथ से राजस्थान की कुर्सी भी चली जाए. खैर इसका फैसला तो दो-तीन दिनों में सोनिया गाँधी लेंगी, लेकिन बीते दिन अशोक गहलोत सोनिया गाँधी से माफ़ी मांगने गए थे. इस दौरान उनके हाथ में माफीनामा […]

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Ashok Gehlot की चिट्ठी हुई डिकोड, सचिन पायलट को खरी-खरी

Aanchal Pandey

  • September 30, 2022 9:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली. अशोक गहलोत अब अध्यक्ष पद की रेस से तो आउट हो चुके हैं, और शायद अब उनके हाथ से राजस्थान की कुर्सी भी चली जाए. खैर इसका फैसला तो दो-तीन दिनों में सोनिया गाँधी लेंगी, लेकिन बीते दिन अशोक गहलोत सोनिया गाँधी से माफ़ी मांगने गए थे. इस दौरान उनके हाथ में माफीनामा था, लेकिन क्या आपको पता है कि उसमें न सिर्फ माफीनामा था बल्कि पायलट की गलतियों का पुलिंदा भी था. इसमें गहलोत ने लिखा था- मैडम! जो हुआ बहुत दुखद है, इससे मैं भी बहुत दुखी और आहत हूँ. कल से ही अशोक गहलोत का ये माफीनामा सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, वहीं अब इस माफीनामे की साफ तस्वीर भी सामने आ गई है, जिसके बाद खुलासा हुआ कि जिसे माफीनामा समझा जा रहा था, असल में वो माफीनामा नहीं था बल्कि उसपर तो सचिन पायलट के खिलाफ गंभीर बातें लिखी हुईं थी, एक अखबार के फोटोग्राफर ने यह तस्वीर ली है और अब यह तस्वीर वायरल हो रही है.

क्या लिखा था ?

अशोक गहलोत की इस चिट्ठी में SP, Leave Party- Observ, पार्टी के लिए अच्छा होता, लिखा हुआ है अब इसका मतलब तो सचिन पायलट ही है. चिट्ठी पर गहलोत का एक हाथ रखा था इसलिए पूरी चिट्ठी नहीं दिखी, लेकिन संभव है गहलोत यह कहना चहा रहे हों कि बगावत के समय सचिन पायलट कांग्रेस छोड़ देते तो ये पार्टी के लिए ज्यादा अच्छा होता.
इसके बाद चिट्ठी में लिखा था पहला प्रदेश अध्यक्ष, यानी ऐसा प्रदेश अध्यक्ष जिसने पद पर रहते हुए पार्टी से बगावत की और सरकार गिराने की भी कोशिश की. अगली लाइन में लिखा था, 102 vs (वर्सेज) sp (सचिन पायलट) प्लस 18: ये तो साफ़ है यहाँ गहलोत खुद के पास 102 विधायकों और सचिन पायलट के पास सिर्फ 18 विधायकों समर्थन होने की बात कर रहे हैं.
10 cr (करोड़) bjp, इसका मतलब ये हो सकता है कि बगावत के समय भाजपा ने पायलट गुट के विधायकों को 10 करोड़ रुपये ऑफर किए थे.
गुंडागर्दी, पुष्कर-शकुंतला रावत, इसका अर्थ ये हो सकता है- “करीब 15 दिन पहले पुष्कर में कर्नल किरोड़ीसिहं बैसला के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पायलट समर्थकों ने मंत्री अशोक चांदना के भाषण के दौरान जूते उछाले थे और इस दौरान मंत्री शकुंतला रावत का भी खूब विरोध हुआ था, इस मामले ने भी जमकर तूल पकड़ा था, इसी मामले को लेकर गहलोत ने पायलट पर गुंडागर्दी का आरोप लगाया है.’

 

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