जयपुर: राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. डॉक्टर्स लगतार इस बिल को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी विरोध के चलते सीकर जिले में कलेक्ट्रेट पर डॉक्टर धरना दिए हुए हैं. जहां दो डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन भी किया है. इस […]
जयपुर: राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. डॉक्टर्स लगतार इस बिल को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी विरोध के चलते सीकर जिले में कलेक्ट्रेट पर डॉक्टर धरना दिए हुए हैं. जहां दो डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन भी किया है. इस हड़ताल के कारण काफी दिनों से अस्पताल भी बंद हैं जिसका नुकसान स्थानीय लोगों को देखने को मिल रहा है. इसी कड़ी में खीचड़ हॉस्पिटल के बाहर हॉस्पिटल की डॉक्टर अनिता चौधरी ने अनोखे अंदाज़ में प्रदर्शन किया.
दरअसल खीचड़ हॉस्पिटल के बाहर हॉस्पिटल की डॉक्टर अनिता चौधरी ने अस्पताल के बाहर गोलगप्पे यानी पानीपुरी का ठेला लगाया है. अस्पताल के बाहर उन्होंने ये ठेला लगाया है जिसपर साफ़ लिखा हुआ है कि पहले वह एक डॉक्टर थीं लेकिन अब वह गोलगप्पे बेच रही हैं. पानीपुरी का ठेला लगाने पर उनका कहना है कि जीवन की गाड़ी चलाने के लिए आखिर कुछ तो करना ही होगा.
बता दें, राजस्थान सरकार के राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्रदेश भर में डॉक्टरों ने बाइक निकालकर भी विरोध प्रदर्शन किया था. डॉक्टरों की ये बाइक रैली एसके स्कूल ग्राउंड से रवाना हुई थी. जो बजरंग कांटा, बाइस्कोप, रानी सती, बहड़ सर्किल, महामंत्री रोड, घंटाघर, सूरजपोल गेट, जाट बाजार, स्टेशन रोड, कल्याण सर्किल से होती हुई गुजरी थी. दरअसल डॉक्टर मांग कर रहे हैं की राज्य सरकार द्वारा लाए गए राइट टू हेल्थ बिल को वापस ले लिया जाए. इसी बिल को लेकर सारा विरोध प्रदर्शन हो रहा था. बिल पास होने के बाद डॉक्टारों ने अपने सभी निजी अस्पतालों को बंद कर दिया है और मांग की है कि जब तक राइट टू हेल्थ बिल वापस नहीं होगा, तब तक हड़ताल रहेगी.
डॉ. पंकज चौधरी ने मीडिया को बताया कि आज तीसरे दिन भी दोनों डॉक्टरों ने आमरण अनशन जारी रखा है. वहीं 4 चिकित्सक क्रमिक भी अनशन पर समर्थन पर बैठे हैं. बता दें, चार डॉक्टरों में से 3 महिला डॉक्टर हैं जो क्रमिक अनशन पर बैठे हैं. डॉक्टर भारती ने बताया कि राज्य सरकार के नए कानून के विरोध में ये लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक राज्य इस बिल को वापस नहीं ले लेती है. जानकारी के अनुसार आरटीएच एक्ट वापस नहीं लिए जाने पर डॉक्टर अपने परिवार समेत जयपुर में महा आक्रोश रैली निकालेंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे। डॉक्टरों का आरोप है कि उनपर जबरदस्ती नियम थोपे गए हैं. इन कानून कायदों को लेकर डॉक्टर काम करने की स्थिति में नहीं हैं. प्रदेश की जनता और मरीजों को इस तरह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.