Rajasthan News नई दिल्ली, Rajasthan News देश में समय समय पर ऐसी घटनाए होती रहती हैं जो सोचने पर मजबूर कर देती हैं की समाज का एक तबका अभी भी किसी न किसी रूप में भेदभाव का शिकार है. ऐसा ही कुछ हुआ राजस्थान के बूंदी ज़िले में. राजस्थान की एक शादी इन दिनों सुर्खियां […]
नई दिल्ली, Rajasthan News देश में समय समय पर ऐसी घटनाए होती रहती हैं जो सोचने पर मजबूर कर देती हैं की समाज का एक तबका अभी भी किसी न किसी रूप में भेदभाव का शिकार है. ऐसा ही कुछ हुआ राजस्थान के बूंदी ज़िले में.
राजस्थान की एक शादी इन दिनों सुर्खियां बटोर रही है. चर्चा का कारण दूल्हे का घोड़े पर सवार होना है. एक दलित दूल्हा घोड़े पर सवार हुआ जो हिन्दू रीतिरिवाज़ के अनुसार एक परंपरा है. दलित तबके के इस दूल्हे के घोड़ी छढने पर कई लोगो ने जाती को लेकर बवाल किया था. आज तक बूंदी ज़िले में किसी भी दलित ने घोड़े की सवारी नहीं की थी. जिससे कई लोगो को ऐतराज़ था.
27 वर्षीय युवक मेघवाल की माने तो उस गांव में वह पहला ऐसा दलित दूल्हा बन गया है जिसने उस सड़क पर घोड़े की सवारी की है. ऐसा इसीलिए क्योंकि स्थानीय लोगों की मानसिकता है कि कोई दलित नीचे रहता है तो उसे नीचे ही रेहना चाहिए. घोड़े की सवारी केवल ऊँचे जाती के दूल्हों को शोभा देती है. इसी मानसिकता को बदलने के लिए मेघवाल ने ये पहल की. पेशे से युवक ग्राम पंचायत में एक संविदा कर्मचारी है. पुलिस अधिकारीयों की माने तो इस शादी में सुरक्षा देने के लिए तीन अलग-अलग गाँवों के करीब 60 पुलिस कर्मी तैनात किये गए थे. जिससे दूल्हे के आस पास पुलिस कर्मियों का एक जमावड़ा नज़र आया.
यह शादी सोमवार को बूंदी पुलिस और जिला प्रशाशन की देख रेख में की गयी. इस शादी को करवाने के लिए ऑपरेशन का नाम ,’ऑपरेशन सामंत (ऑपरेशन समानता)’ रखा गया था. युवक मेघवाल ने द्रौपती नामक युवती से पूरी सुरक्षा के बीच शादी की. राजस्थान पुलिस ने इस बात का खुलासा भी किया है कि बीते 10 सालों में किसी दलित के घोड़ी चढ़कर सम्मान के साथ शादी करने के विरोध में 76 मामले दर्ज़ किये गए थे. ये बात शर्मनाक है की इक्कीसवी सदी में भी दलितों को लेकर रूढ़िवादी विचारधारा समाज में कायम है.
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