Smartphone politics in Rajasthan: नई दिल्ली, राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने दो दिन पहले राज्य की विधानसभा में वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश किया. बजट में सरकार के दो फैसलों ने सबका ध्यान खींचा और लोगों के बीच चर्चा का विषय बना. पहला राज्य सरकार द्वारा पुरानी पेंशन को 2004 के बाद नियुक्त होनें […]
नई दिल्ली, राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने दो दिन पहले राज्य की विधानसभा में वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश किया. बजट में सरकार के दो फैसलों ने सबका ध्यान खींचा और लोगों के बीच चर्चा का विषय बना. पहला राज्य सरकार द्वारा पुरानी पेंशन को 2004 के बाद नियुक्त होनें वाले कर्मचारियों के लिए फिर से शुरू करना और दूसरा विधान सभा के सभी विधायकों को आईफोन 13 स्मार्टफोन तोहफे में देना. गहलोत सरकार ने जहां पुरानी पेंशन को फिर से शुरू कर लोगों की खूब वाह-वाही बटोरी. लेकिन साथ में उसे काफी ज्यादा कीमत के स्मार्टफोन सभी विधायकों को मुफ्त में दोनो पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
विधानसभा के बजट सत्र में स्मार्टफोन गिफ्ट लेने वाले भाजपा विधायकों ने अपना आईफोन-13 वापस लौटा दिया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने आईफोन वितरण के फैसले की आलोचना की थी. जिसके बाद भाजपा विधायकों ने गिफ्ट को लौटाने का फैसला लिया।
गहलोत सरकार के विधायकों को आईफोन देने के फैसले पर भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाब सिंह कटारिया ने समझ के बाहर का फैसला बताया. उन्होनें कहा कि हम सभी के फोन है, सरकार को ऐसे फैसलों से गलत मिसाल नहीं कायम करनी चाहिए. राज्य की जनता कांग्रेस सरकार की नीतियों से परेशान है और सरकार को उस पर ध्यान देना चाहिए।
राजस्थान की कांग्रेस सरकार में मंत्री प्रताप खाचरियावास ने अपनी सरकार के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि बीजेपी नेताओं ने तीन साल पहले लैपटॉप क्यों ले लिया था? उस समय तो किसी को कोई समस्या नहीं थी. खाचरियावास ने आगे कहा कि सरकार ने सबसे अच्छा बचट पेश किया है और बीजेपी के लोगों को ये लोकहित का बजट पसंद नहीं आ रहा है।