जयपुर: राजस्थान के नागौर शहर में शादी-पार्टी करने वाले और डीजे बजाने वालों के लिए अहम खबर सामने आई है। बता दें, डीजे से तेज आवाज में गाने सुनने वालों के लिए जिला कलेक्टर ने निर्देश जारी किया है। अगर कोई इन निर्देशों का पालन नहीं करता है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी एवं […]
जयपुर: राजस्थान के नागौर शहर में शादी-पार्टी करने वाले और डीजे बजाने वालों के लिए अहम खबर सामने आई है। बता दें, डीजे से तेज आवाज में गाने सुनने वालों के लिए जिला कलेक्टर ने निर्देश जारी किया है। अगर कोई इन निर्देशों का पालन नहीं करता है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी एवं जिला दंडाधिकारी पीयूष सामरिया ने निर्देश जारी कर कहा है कि जिले की सीमाओं के भीतर विभिन्न आयोजनों में डीजे का प्रयोग किया जाता है और गाड़ियों में भी डीजे लगाए जाते हैं। साल 2023 में निकट भविष्य में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एवं विश्वविद्यालयों की परीक्षाएँ जिले में आयोजित की जाएँगी।
ऐसे तेज ध्वनि प्रवर्धकों (डीजे) के प्रयोग के फलस्वरूप अत्यधिक ध्वनि उत्पन्न होती है तथा अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण आम आदमी की शांति भंग करता है तथा छात्र समुदाय की पढ़ाई पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकरों की तेज आवाज से सड़क सुरक्षा प्रभावित होने से हादसों की आशंका बनी रहती है और देर रात तक लाउडस्पीकर बजने के कारण बीमार बुजुर्गों को भी काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है।
आपको बता दें, निर्देश में साफ़-साफ़ कहा गया है कि उपरोक्त परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तेज आवाज़ वाले एम्पलीफायरों (डीजे) का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए और धार्मिक आयोजनों, विवाह स्थलों में कम आवाज़ में ही एम्पलीफायरों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। जिससे कि आम जनता को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
जिलाधिकारी पीयूष सामरिया ने बताया कि यदि कोई प्रभावित व्यक्ति उपरोक्त निर्देशों का पालन नहीं करता है तो राजस्थान ध्वनि नियंत्रण अधिनियम 1963, ध्वनि प्रदूषण स्तर (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम 2000 एवं मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 39 के तहत कार्रवाई की जायेगी। इसके तहत पुलिस मुख्यालय और परिवहन विभाग द्वारा एक्शन लिया जाएगा।